चारधाम यात्रा में इस बार पिछले कई सालों के मुकाबले रिकॉर्ड तोड़ तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। इस बार दस दिन में पिछले दो वर्षों के मुकाबले दोगुने श्रद्धालु पहुंचे हैं। यात्रियों की भारी भीड़ है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के बुलेटिन के अनुसार, कपाट खुलने के बाद अब तक केदारनाथ में सबसे ज्यादा 19 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। यमुनोत्री में 12, बदरीनाथ में नौ और गंगोत्री में दो की मौत हुई।
यात्रा रूट पर टैक्सियों, टैंपो ट्रेवलर, कारें सहित अन्य कमर्शियल व प्राइवेट गाड़ियों की आवाजाही को लेकर नई एडवाइजरी जारी हुई है। यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम यात्रा हेतु नई कार्य योजना बनाई।
दरभंगा से पुरानी दिल्ली, समर स्पेशल - 17 घंटे, श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा से नई दिल्ली, वंदे भारत एक्सप्रेस 16 घंटे, अमृतसर से बिलासपुर, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस - 15 घंटे आदि ट्रेनें लेट हुईं।
अटलाकोटी से हेमकुंड तक अब भी छह फीट तक बर्फ है। हालांकि सेना ने पूरे यात्रा मार्ग को आवाजाही के लिए सुचारु कर दिया है। गोविन्दघाट गुरुद्वारे के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया, सजावट भी की जा रही।
चारधाम में 50 साल से अधिक उम्र के यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस किया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि चारधाम यात्रा में यात्रियों की बढ़ती संख्या चुनौती है।
मई तक ऑफ लाइन स्लॉट बुक होने के कारण चारधाम जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। एमपी इंदौर से चारधाम यात्रा करने पहुंचे 12 दल के सदस्य विनोद गोस्वामी ने बताया कि स्लॉट खत्म हो गए।
ऐसे में यात्रा के लिए दूसरे विकल्प चुनने होंगे। मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक राजीव शर्मा ने बताया कि रुड़की, हरिद्वार से गुजरने वाली ग्यारह ट्रेनों में वेटिंग की स्थिति 70 से 100 के बीच चल रही है।
ऐसे में एक तरफ से गंगोत्री जाने वाले वाहन और दूसरी तरफ से लौट रहे वाहन संकरे रास्तों में फंसने लगे। सोमवार को गंगोत्री जा रहे वाहन जहां गंगनानी में जाम में फंस गए। तीर्थ यात्रियों को परेशानी हुई।
इनमें लक्सर रुड़की रूट की हरिद्वार, अमृतसर, हरिद्वार जन शताब्दी एक्सप्रेस और हरिद्वार, श्रीगंगानगर, हरिद्वार इंटरसिटी एक्सप्रेस भी 7 मई तक निरस्त थी। इसके बाद अभी तक भी ये चारों ट्रेन रद्द हैं।
यह राज्य के लिए उत्सव का वातावरण तैयार करती है। चारधाम यात्रा सुगम और सुरक्षित रखने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। पेयजल, परिवहन, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन दुरूस्त करने के निर्दश दिए।
आईआरसीटीसी पोर्टल पर इसकी बुकिंग जून तक फुल हो चुकी है। पर, साइबर ठग फर्जी वेबसाइट के जरिए बुकिंग का झांसा दे रहे हैं। इधर, साइबर थाने के डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा के अनुसार, साइबर ठग सक्रिय हैं।
सीनियर डीसीएम मुरादाबाद आदित्य गुप्ता ने बताया कि इनमें इंटरसिटी एक्सप्रेस को दोनों तरफ से 7 मई तक और जन शताब्दी को दोनों तरफ से 4 मई तक निरस्त रखने के आदेश मुख्यालय ने दिए हैं।
जो संख्या तय की गई है, उसमें ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों की संख्या ऑनलाइन वालों के अतिरिक्त है। स्थानीय लोगों को पंजीकरण प्रक्रिया से बाहर है। चारधाम यात्रा में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी होगा।
यहां अब 11 हजार तक पंजीकरण प्रतिदिन हो सकेंगे। केदारनाथ धाम में 15 हजार दर्शन कर सकते थे। यहां 18 हजार तक पंजीकरण हो सकेंगे। बदरीनाथ धाम में 16 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकते थे, सीमित किया जा रहा।
चारधाम यात्रा को लेकर यात्रियों में उत्साह दिखाई दे रहा है। जनवरी से ही विभिन्न प्रांतों से यात्री बस-टैक्सी की एडवांस बुकिंग को लेकर संपर्क कर रहे थे। टैक्सियों और बसों की बंपर बुकिंग हो रही।
ट्रेनों को डायवर्ट करने की वजह से भी रेल यात्रियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी लंबी दूरी की ट्रेनों में सामने आ रहीं हैं। कई रेलगाड़ियां रूट डायवर्ट करके चलानी पड़ी।
गत वर्ष एक-एक सप्ताह के स्लॉट पर बुकिंग की गई थी, लेकिन इस बार एक साथ 10 मई से 20 जून और फिर मानसून के बाद 15 सितंबर से 31 अक्तूबर तक की बुकिंग खोली। मई-जून के करीब 25 हजार टिकट देर शाम तक फुल हो गए।
यूकाडा के सीईओ सी रविशंकर ने बताया कि इस बार भी केदारघाटी के तीन हेलीपैड के जरिए नौ हेलीऑपरेटर अपनी सेवाएं देंगे। गत वर्ष केदारनाथ में हुई हेली दुघर्टना के बाद प्रतिबंधित कर दी गई है।
श्रद्धालुओं ने पंजीकरण के लिए सबसे अधिक वेब पोर्टल का विकल्प चुना है। वेब पोर्टल से 169431 श्रद्धालुओं के पंजीकरण हुए। उसके बाद श्रद्धालुओं ने पंजीकरण को व्हाट्सअप नंबर का विकल्प चुना।