यमुना नदी के मुद्दे पर निर्वाचन आयोग पहुंचकर आप प्रमुख केजरीवाल ने दिया जवाब
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना नदी के पानी को जहरीला बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष अपने बयान का समर्थन करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने...
नई दिल्ली। विशेष संवाददाता हरियाणा सरकार पर यमुना नदी के पानी को जहरीला बनाने अपने आरोपों के बारे में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के समक्ष निजी तौर पर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। इसके बाद, ईसीआई ने कहा कि ‘हमने बहुत ही कम समय के नोटिस पर आप संयोजक केजरीवाल को धैर्यपूर्वक सुना और उनका जवाब प्राप्त किया। आयोग ने यह भी कहा कि सभी सभी सदस्यों ने, व्यक्तिगत आक्षेपों और आक्रामक रणनीति से प्रभावित हुए बिना, केजरीवाल द्वारा पेश जवाब का विस्तार से जांच करने और गुण-दोष के आधार पर नर्णिय लेने का फैसला है।
इससे पहले, आप प्रमुख केजरीवाल ने निर्वाचन आयोग के समक्ष निजी तौर पर उपस्थित हुए और अपने बयान को लेकर विस्तृत जवाब सौंपे। उनके साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान भी थे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संबोधित अपने छह पन्नों के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ‘स्पष्ट रूप से उनका कथित बयान हरियाणा से दिल्ली को आपूर्ति किए जा रहे कच्चे पानी में अमोनिया के ‘अभूतपूर्व और खतरनाक रूप से उच्च स्तर के संदर्भ में दिया गया था। उन्होंने कहा है कि मेरे बयान का कोई भी अन्य निष्कर्ष गलत होगा। केजरीवाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर राजधानी में अत्यधिक प्रदूषित पानी भेजकर 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया। चुनाव आयोग के अधिकारियों को सौंपे अपने जवाब में केजरीवाल ने निर्वाचन आयुक्तों को अपनी बात समझाने के लिए अमोनिया-मिश्रित पानी की तीन बोतलें भी साथ लाए थे। अपने जवाब में, केजरीवाल ने कहा कि यमुना के पानी में मिला जहर ‘अमोनिया था।
आप प्रमुख ने अपने बयान से पहले की घटनाओं के घटनाक्रम को स्पष्ट करते हुए कहा कि 15 जनवरी को यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर 3.2 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) से बढ़ना शुरू हुआ और 26-27 जनवरी के आसपास 7 पीपीएम तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के समक्ष इस मामले को उठाया था, लेकिन उन्होंने अमोनिया के स्तर को नियंत्रित करने या इसे पतला करने के लिए अधिक पानी छोड़ने का वादा भी किया। लेकिन उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया। केजरीवाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी पर अत्यधिक प्रदूषित पानी भेजकर दिल्ली चुनाव को प्रभावित करने की जानबूझकर साजिश करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने अपने जवाब में आरोप लगाया कि घटनाओं के क्रम से यह साफ होता है कि इसके लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री ही दोषी हैं।
उन्होंने अपने जवाब में यह भी कहा है कि ‘यदि निर्वाचन आयोग ने हरियाणा सरकार और भाजपा के नेताओं पर यमुना के मुद्दे पर कार्रवाई नहीं कि तो ये माना जाएगा कि निर्वाचन आयोग जनता के हित के बजाए, सत्ताधारी दल के हित में काम कर रही है। भारत निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को यमुना नदी के पानी को जहरीला बनाने संबंधी मुद्दों पर पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा भेजे गए जवाब पर असंतोष जताया था। साथ ही, आयोग ने एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल से कहा था कि ‘वह यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के मुद्दे को नदी के पानी को जहरीला बनाने संबंधी हरियाणा सरकार पर लगाए गए अपने आरोप से नहीं जोड़ें। निर्वाचन आयोग ने हरियाणा सरकार के खिलाफ लगाए गए यमुना के पानी को जहरीला बनाने अपने आरोपों पर आप प्रमुख केजरीवाल को स्पष्टीकरण देने का एक और मौका देते हुए, शुक्रवार 11 बजे तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
आयोग ने केजरीवाल से कहा था कि आपने अपने बयान के तथ्यात्मक और कानूनी मैट्रिक्स को स्पष्ट करने के बजाय, दिल्ली में यमुना नदी में अमोनिया के उच्च स्तर का हवाला देकर अपने बयान को उचित ठहराने का विकल्प चुना है। जबकि चुनाव प्रचार के दौरान लगाए गए आरोपों पर सीधे-सीधे कुछ नहीं कहा है।
निर्वाचन आयोग की तत्परता पर उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने जवाब में उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निर्वाचन आयोग की ‘चौंकाने वाली तत्परता पर भी सवाल उठाया, जबकि वह ‘केवल बहुत उच्च सार्वजनिक महत्व का मुद्दा उठा रहे थे और उन्होंने दिल्ली में एक बड़े सार्वजनिक संकट को टाल दिया था। उन्होंने कहा है कि निर्वाचन आयोग द्वारा हरियाणा सरकार को दिल्ली के पानी को प्रदूषित करने से रोकने का निर्देश देने से इनकार करना भी चौंकाने वाला है। उन्होंने आयोग पर दिल्ली में भाजपा नेताओं द्वारा कथित तौर पर आदर्श आचार संहिता के घोर उल्लंघन पर पूर्ण रूप से चुप्पी और निष्क्रियता का भी आरोप लगाया। केजरीवाल ने कहा कि यदि आयोग भाजपा द्वारा नकदी और सामान के साथ वोट खरीदने की व्यापक प्रथा को अनदेखा करना जारी रखता है, तो आप इस भ्रष्ट प्रथा को भी सामान्य बना देंगे।
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