Notification Icon
Hindi Newsहरियाणा न्यूज़Haryana Agricultural University Vice Chancellor BJP platform Election Commission notice

BJP के मंच पर चढ़कर फंसे हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के कुलपति, EC का नोटिस; जानें नियम

  • प्रोफेसर बलदेव राज कंबोज ने रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से भेजे गए नोटिस का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वह एक धार्मिक व्यक्ति हैं और धार्मिक आयोजनों में शामिल होते रहते हैं।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 10 Sep 2024 02:22 PM
share Share

हरियाणा के हिसार ​स्थित चौधरी चरण सिंह कृषि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बीआर कंबोज पर चुनाव आचार संहिता के आरोप लगे हैं। जन्माष्टमी पर हिसार के बिश्नोई मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में वे भाजपा के मंच पर चढ़ गए थे। तब विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो चुकी थी। चुनाव आयोग ने मामले को संज्ञान में लिया है। हिसार विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर ने अपनी रिपोर्ट में कुलपति को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया है। रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दी गई है।

हिसार विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर की रिपोर्ट में कहा गया कि कुलपति बीआर कंबोज 26 अगस्त को बिश्नोई सभा की ओर से बिश्नोई मंदिर में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई और अन्य भाजपा नेताओं ने भाग लिया। कुलपति कंबोज मंच की अग्रिम पंक्ति में बैठे थे और उनके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इसका चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया था।

कुलपति बोले- मैं धार्मिक प्रवृ​त्ति का व्य​क्ति

प्रोफेसर बलदेव राज कंबोज ने रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से भेजे गए नोटिस का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वह एक धार्मिक व्यक्ति हैं और धार्मिक आयोजनों में शामिल होते रहते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें जन्माष्टमी पर प्रमुख व्यक्तियों ने आमंत्रित किया था। उन्होंने किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल होने की बात से इनकार किया है। हालांकि, रिटर्निंग ऑफिसर कुलपति कंबोज के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं।

एमएस स्वामीनाथन अवार्ड विजेता हैं प्रो. कंबोज

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज को प्रतिष्ठित एमएस स्वामीनाथन अवार्ड से नवाजा जा चुका है। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उन्हें कनार्टक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने यह अवार्ड देकर सम्मानित किया था। यह सम्मान कृषि विज्ञान क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास और विस्तार में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के फलस्वरूप ​दिया गया था।

सरकारी कर्मचारियों पर कब होता है ऐक्शन

चुनावों की तारीख की घोषणा होते ही भारतीय निर्वाचन आयोग आदर्श आचार संहिता लागू करता है। यह चुनाव परिणाम आने तक लागू रहती है। राजनीतिक दल या नेता ही नहीं, आचार संहिता के नियम सरकारी कर्मचारियों पर भी लागू होते हैं। आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक सरकारी कर्मचारी भी चुनाव आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। 

सरकारी कर्मचारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी तरह से किसी राजनीतिक दल या नेता की चुनावी ​प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन सकते हैं। कोई भी कर्मचारी जोकि सरकारी सेवाओं में कार्यरत है, वह किसी भी पार्टी या उम्मीदवार का चुनाव एजेंट नहीं बन सकता। अगर कोई कर्मचारी ऐसा करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ चुनाव आचार संहिता की उल्लंघन के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाती है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें