ट्रेंड के चक्कर में हो गया आपका नुकसान, AI को खुद सौंप दीं अपनी पर्सनल फोटोज
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टूल्स की मदद से यूजर्स अलग-अलग स्टाइल में फोटोज जेनरेट कर रहे हैं। इसका एक पहलू यह है कि वे खुद अपनी पर्सनल फोटोज इन AI टूल्स को सौंप रहे हैं।

सोशल मीडिया पर AI की मदद से अलग-अलग स्टाइल के फोटो बनाने का ट्रेंड खूब चर्चा में है और वायरल हो रहा है। दुनियाभर के लाखों यूजर्स अपनी फोटोज ChatGPT जैसे AI टूल्स पर अपलोड कर उनसे एनिमेशन और आर्टवर्क स्टाइल इमेजेस जेनरेट कर रहे हैं। इस पूरे सिस्टम का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यूजर्स खुद अपनी पर्सनल फोटोज इन AI टूल्स को सौंप रहे हैं और उनके डाटा का यूज किया जाएगा।
ज्यादातर यूजर्स को इस बात की समझ नहीं है कि ChatGPT जैसे AI टूल्स कैसे काम करते हैं। ये टूल्स लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) पर आधारित होते हैं, जो अपने पास पहले से मौजूद डाटा के आधार पर नए रिजल्ट्स जेनरेट करते हैं। यानी कोई एक इमेज जेनरेट करने के लिए इस मॉडल को पिछली लाखों इमेजेस और आर्ट्स का डाटा इस्तेमाल करना पड़ता है। ये मॉडल्स इंटरनेट से रिसोर्सेज लेकर उनका डाटा एनालाइज करते हैं।
कॉपीराइट को लेकर छिड़ा विवाद
कई AI मॉडल्स को ट्रेनिंग देने के लिए इंटरनेट पर मौजूद डाटा का इस्तेमाल किया गया है और ढेर सारे कॉपीराइटेड टेक्स्ट कंटेंट के अलावा कॉपीराइटेड इमेज और आर्ट्स यूज करने के आरोप भी OpenAI जैसी बड़ी AI कंपनियों पर लगे हैं। इसे लेकर कई बार विवाद की स्थिति भी बन चुकी है और कई आर्टिस्ट आरोप लगाते रहे हैं कि उनके आर्ट स्टाइल का इस्तेमाल AI टूल्स की ट्रेनिंग के लिए किया गया है।
कुल मिलाकर AI कंपनियों को ढेर सारा डाटा चाहिए, जिससे वे अपने मॉडल्स और टूल्स को लगातार बेहतर बना सकें। इस डाटा पर किसी का कॉपीराइट ना हो, इसके लिए उसकी सहमति लेना अनिवार्य हो जाता है। ऐसे में कॉपीराइट-फ्री डाटा सीधे यूजर्स से लिया जा सकता है। मजे की बात है कि यूजर्स खुद अपना पर्सनल डाटा और फोटोज इन टूल्स को दे रहे हैं।
यूज होगा आपकी पर्सनल फोटो का डाटा
जब भी आप Ghibli Studio स्टाइल में या ऐसे किसी दूसरे स्टाइल में फोटो एडिट करने के लिए AI टूल्स पर अपलोड करते हैं तो सबसे पहला स्टेप उसे एनालाइज करने का होता है। फोटो में दिख रहे चेहरों से लेकर बाकी चीजों को समझने के बाद AI टूल इनकी मदद से नई इमेजेस जेनरेट करता है। इस तरह आपका फेशियल डाटा यूज किया जाता है। क्या आपको लगता है कि आपकी इमेज जेनरेट करने के बाद यह डाटा डिलीट कर दिया जाता है, तो आप गलत हैं।
आपकी ओर से शेयर किया गया डाटा सिस्टम में सेव रहता है और AI टूल के ट्रेनिंग मॉडल का हिस्सा बनता है। यानी आपके चेहरे के साथ AI कोई दूसरी इमेज कभी भी जेनरेट कर सकता है। मजे की बात यह है कि आपने खुद यह डाटा टूल्स को सौंपा है और इसका कैसे भी इस्तेमाल करने का पूरा अधिकार सॉफ्टवेयर कंपनी के पास है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि आप पर्सनल फोटोज इन टूल्स पर अपडेट करने में समझदारी नहीं है।
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