रिटायरमेंट से पहले रवि शास्त्री और विराट कोहली के बीच क्या बातचीत हुई थी, पूर्व कोच ने किया खुलासा
रवि शास्त्री ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने से पहले विराट कोहली के साथ उनकी क्या बातचीत हुई थी। इसका खुलासा उन्होंने किया है। 12 मई को विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।

रवि शास्त्री और विराट कोहली की जोड़ी बड़ी फेमस थी। शास्त्री टीम इंडिया के हेड कोच थे, जबकि विराट कोहली कप्तान थे। हालांकि, ये जोड़ी काफी समय पहले अलग हो गई। रवि शास्त्री का कार्यकाल खत्म हो गया, जबकि विराट कोहली ने भी कप्तानी छोड़ दी। अब विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट भी ले लिया। इसको लेकर रवि शास्त्री ने बताया कि हैरान कर देने वाले रिटायरमेंट से पहले उनके और विराट कोहली के बीच क्या बातचीत हुई थी। 12 मई की दोपहर को विराट कोहली ने टेस्ट से रिटायरमेंट का ऐलान किया था।
इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले विराट कोहली ने अपनी टेस्ट ईनिंग को डिक्लेयर कर दिया। टेस्ट क्रिकेट में 9230 रन और 30 शतकों के साथ उन्होंने अपने करियर को खत्म किया। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में शास्त्री और कोहली की जोड़ी सबसे सफल भारतीय जोड़ी थी। अब, पूर्व कोच रवि शास्त्री ने उन रिपोर्टों की पुष्टि की है कि स्टार बल्लेबाज ने दुनिया को अपना फैसला बताने से पहले उनसे संपर्क किया था।
आईसीसी रिव्यू में रवि शास्त्री ने बताया, "मैंने उनसे इस बारे में बात की थी, मुझे लगता है कि (उनकी घोषणा) से एक हफ्ते पहले और उनका मन बहुत साफ था कि उन्होंने अपना सब कुछ दे दिया है। कोई पछतावा नहीं था। मैंने एक या दो सवाल पूछे थे और वह एक निजी बातचीत थी, जिसका, आप जानते हैं, उन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से उल्लेख किया, उनके मन में कोई संदेह नहीं था, जिसने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया और मैंने भी कहा कि 'हां, यह सही समय है'। मन ने उनके शरीर को बता दिया है कि अब जाने का समय आ गया है।"
विराट कोहली भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं, उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में से 40 मैचों में जीत दर्ज की है। एमएस धोनी दूसरे सबसे सफल टेस्ट कप्तान रहे, जिन्होंने 27 मैचों में देश को जीत दिलाई। एक खिलाड़ी के रूप में, कोहली खेल के प्रति अपने गहन, दिल खोलकर खेलने के दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं, और शास्त्री का मानना है कि इस तरह के दृष्टिकोण की एक सीमा होती है।
शास्त्री ने कहा, "अगर उन्होंने कुछ करने का फैसला किया, तो उन्होंने अपना 100% दिया, जिसकी बराबरी करना आसान नहीं है। व्यक्तिगत रूप से, एक गेंदबाज के रूप में, एक बल्लेबाज के रूप में। एक खिलाड़ी अपना काम करता है और फिर आप आराम से बैठ जाते हैं, लेकिन कोहली के साथ ऐसा नहीं है। जब टीम बाहर जाती है, तो ऐसा लगता है कि उसे सभी विकेट लेने हैं, उसे सभी कैच लेने हैं, उसे मैदान पर सभी फैसले लेने हैं। इतनी भागीदारी, मुझे लगता है कि अगर वह आराम नहीं करता है, अगर वह यह नहीं तय करता है कि उसे विभिन्न प्रारूपों में कितना खेलना है, तो कहीं न कहीं एक बर्नआउट होने वाला है।"