Bihar Board : टेम्पू चालक का बेटा शुभम् चौरसिया बने सेकेंड टॉपर, मैट्रिक में भी लाया था आठवां स्थान
दाउदनगर के शुभम ने बिहार इंटर विज्ञान में दूसरा स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रौशन किया है। उसे बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटर विज्ञान के जारी रिजल्ट में 472 यानी 94.4% अंक प्राप्त हुए हैं।
दाउदनगर के शुभम ने बिहार इंटर विज्ञान में दूसरा स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रौशन किया है। उसे बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटर विज्ञान के जारी रिजल्ट में 472 यानी 94.4% अंक प्राप्त हुए हैं। 2021 के मैट्रिक परीक्षा में भी बिहार राज्य में उसे आठवां स्थान 477 यानी 95.6% अंक प्राप्त हुआ था। शहर के वासदेव रोड निवासी शुभम दाउदनगर के अशोक इंटर स्कूल का विद्यार्थी है। पिता संतोष चौरसिया ऑटो चला कर अपने परिवार का जीविकोपार्जन के साथ बच्चों की शिक्षा दीक्षा का कार्य करते हैं। मां मीरा देवी गृहणी हैं। हम के बड़े भाई आशीष कुमार भी काफी मेघावी एवं परिश्रमी छात्र हैं। अभी वह डिप्लोमा करके एसएससी की परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं। गरीबी के कारण दोनों भाइयों ने अपनी पढ़ाई आगे जारी नहीं रख पाई ।बड़े भाई का मानना है पहले कुछ नौकरी करके आर्थिक तंगी को दूर करो उसके बाद अपने सपने को साकार करो। उन्हीं के पद चिन्हों पर चलते हुए शुभम भी आगे उच्च शिक्षा की पढ़ाई अभी नहीं करना चाहता है। शुभम का मानना है पहले कोई छोटी-मोटी नौकरी पकड़ ले फिर उच्च शिक्षा करके आईएस भी बन सकते हैं।अपनी सफलता से खुश शुभम ने कहा कि इस परिणाम से वे बहुत खुश हैं। घर पर ही पढ़ाई करके उन्होंने यह मुकाम पाया है।उनके लिए घंटे मैंने नहीं रखता है। जब भी उन्हें मन कर किया, उन्होंने पढ़ाई की।घर का कोई खास काम नहीं करना पड़ता है। पढ़ाई के अलावा उनके पास और कोई काम नहीं था।उन्होंने जूनियर्स के लिए कहा कि यदि आपको लगता है कि आपके अंदर टैलेंट नहीं है तो आप हार्ड वर्क कीजिए, निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी। उन्होंने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को इस बात के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि भारत में सबसे पहले बिहार में रिजल्ट जारी किया गया है ।इससे विद्यार्थियों को आगे की तैयारी करने में सुविधा होगी।शुभम की मां मीरा देवी ने कहा कि वे पूरी तरह से खुश हैं।जब भी वह देखती थी ,वह पढ़ता ही रहता था।वह पूरी तरह अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान देता है।पिता संतोष चौरसिया ने कहा कि बेटे की सफलता पर गर्व है।शुभम हमेशा किताब में ही डूबा रहता है।वह लक्ष्य लेकर अपने स्टडी में लीन रहता है। बचपन से ही मेधावी शुभम की आरंभिक शिक्षा स्थानीय निजी विद्यालय में हुई उसके बाद अशोक इंटर विद्यालय से माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद इंटर विज्ञान में नामांकन कराया और इंटर विज्ञान की परीक्षा भी अशोक इंटर स्कूल से ही वितरण किया। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक जयशंकर प्रसाद ने शिक्षकों के बीच मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया। उन्होंने कहा आरंभ से यह बच्चा मेघावी था ।मैट्रिक में भी यह टॉपर रहा था, इंटर में भी विद्यालय में आकर शिक्षकों से बैठकर पढ़ाई करता था। प्रैक्टिकल की परीक्षा जब दे रहा था तभी इसके लिखावट और मौखिक प्रश्नों के उत्तर से लगा था कि यह बच्चा टॉप करेगा। हम सभी शिक्षक इसके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
आर्थिक तंगी बनी पढ़ाई में बाधा- बिहार के सेकंड टॉपर शुभम का मानना है आर्थिक तंगी पढ़ाई में बहुत बड़ी बाधा है। आर्थिक तंगी के कारण ही मैट्रिक में आठवां स्थान पाने के बावजूद भी वह आईआईटी ,निफ्ट की तैयारी के लिए बाहर नहीं जा पाया। उसे भी इच्छा थी कि कोटा जाएं या दिल्ली जाएं लेकिन घर की आर्थिक स्थिति में उसके मन को रोक दिया और वह घर पर रहकर ही इंटर विज्ञान की पढ़ाई जारी रखा। शुभम का मानना है कि कभी कभार तो मन विचलित हो उठता था फिर भी मैंने अपनी पढ़ाई को जारी रखा ।अब इंटर के बाद कोई छोटी मोटी सरकारी नौकरी करेंगे उसके बाद उच्च शिक्षा प्राप्त कर बड़े ओहदे को भी पा सकते हैं। सफलता से खुश शुभम के पिता ने कहा मुझे अपने बेटे पर गर्व है जो घर पर ही रहकर हम सभी को सांत्वना देते पढ़ाई जारी रखा और बिहार में दूसरा स्थान लाया।
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