Hindi Newsकरियर न्यूज़Security guard son became second topper of Bihar Board Inter Result got good rank in 10th result as well

सिक्योरिटी गार्ड का बेटा बना बिहार बोर्ड इंटर का सेकेंड टॉपर, 10वीं में भी आई थी शानदार रैंक

  • अरवल जिले के आकाश कुमार बिहार बोर्ड इंटर परीक्षा के सेकेंड टॉपर बने हैं। आकाश ने 480 अंक यानी 96 फीसदी हासिल किए।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, निज संवाददाता, करपी (अरवल)Tue, 25 March 2025 04:35 PM
share Share
Follow Us on
सिक्योरिटी गार्ड का बेटा बना बिहार बोर्ड इंटर का सेकेंड टॉपर, 10वीं में भी आई थी शानदार रैंक

अरवल जिले के आकाश कुमार बिहार बोर्ड इंटर परीक्षा के सेकेंड टॉपर बने हैं। सोनभद्र बंशी सूरजपुर प्रखंड अंतर्गत मंगा बीघा गांव निवासी आकाश कुमार ने विज्ञान संकाय में पूरे राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त कर न सिर्फ अपने गांव का नाम रोशन किया है बल्कि जिला का भी नाम रोशन किया है। आकाश ने 480 अंक यानी 96 फीसदी हासिल किए। साइंस स्ट्रीम और ओवरऑल दोनों तरह से वे राज्य के सेकेंड टॉपर हैं। आकाश ने यह साबित कर दिया कि ग्रामीण क्षेत्र में रहकर भी बड़े-बड़े कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले लड़के को मात दिया जा सकता है।

आकाश कुमार की प्राथमिक शिक्षा उत्क्रमित मध्य विद्यालय बटन बिगहा में हुई। एसजीएस उच्च विद्यालय मंगा बिगहा से इन्होंने मैट्रिक पास किया तथा पूरे राज्य में आठवां स्थान प्राप्त किया था। जिला में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। इस बार इंटर साइंस में पूरे राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त कर अपने माता-पिता एवं चाचा चाची के सपने को साकार कर दिया। आकाश कुमार ने बताया कि बचपन से ही मुझे पढ़ लिखकर बड़ा डॉक्टर बनने की इच्छा थी। काफी गरीबी में जीवन बसर करने के बाद अक्सर पिता दिवाकर प्रसाद सिंह से प्रेरणा मिलती थी कि पढ़ाई ही एकमात्र रास्ता है जिससे गरीबी की दलदल से बाहर निकला जा सकता है। पिता की प्रेरणा ,माता का आशीर्वाद ,परिवार जनों के स्नेह ने यह सुनहरा दिन सामने ला दिया। वर्षों की तपस्या और मनोकामना पूरी हो गई।

ये भी पढ़ें:Live : बिहार बोर्ड इंटर रिजल्ट जारी, यहां करें चेक, देखें टॉपरों की लिस्ट

आकाश ने बताया कि मुझे भरोसा था कि इंटर विज्ञान में भी राज्य में स्थान आएगा, लेकिन दूसरा स्थान प्राप्त करने के बाद काफी खुशी हो रही है। थोड़ा सा और प्रयास करता तो स्टेट टॉपर भी बन जाता। इसने बताया कि पढ़ लिखकर नीट परीक्षा में बेहतर रैंक लाकर बड़ा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना है। बच्चों की खुशी से प्रसन्न माता शांति देवी तथा चाची मुंगिया देवी ने बताई कि पढ़ाई के प्रति लड़का इतना समर्पित था कि कभी-कभी खाना खाने के लिए भी भूल जाता था। तब इसे जाकर खाना खिलाती थी। मिट्टी के मकान में रहकर अकेले पढ़ाई के प्रति अपनी सारी क्षमता झोंक दी । परिणाम सामने है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए यह किसी रोल मॉडल से कम नहीं है। इसने सफलता का परचम लहराकर यह साबित कर दिया कि यदि पढ़ाई के प्रति समर्पण हो तो गरीबी कभी भी सफलता के आडे नहीं आती है। आकाश की मां पूर्व पंचायत समिति सदस्य रही है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें