तेजस्वी के खिलाफ राघोपुर से उतरेंगे प्रशांत किशोर? PK ने कही यह बात, क्या बोले RJD प्रवक्ता
- प्रशांत किशोर ने कहा है कि जन सुराज के कार्यर्ता उन्हें तेजस्वी के क्षेत्र राघोपुर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने का सुझाव दिया है। तेजस्वी यादव पिछले दो चुनावों से राघोपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। राघोपुर की चर्चा कर प्रशांत किशोर ने एक सियासी बहस छेड़ दिया है।

बिहार में विधानसभा का इलेक्शन होने में कई माह की देरी है पर अभी से सियासी माहौल चुनावी हो गया है। गठबंधनों में सीटों की मांग के साथ राजनैतिक पार्टियों में यह चर्चा भी शुरू हो गयी है कि कौन किस सीट पर चुनाव लड़ेगा। पिछले दिनों तेजप्रताप यादव ने महुआ से चुनाव लड़ने की बात कही तो वहां के वर्तमान विधायक रोने लगे। अब प्रशांत किशोर ने कहा है कि जन सुराज के कार्यर्ता उन्हें तेजस्वी के क्षेत्र राघोपुर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने का सुझाव दिया है। तेजस्वी यादव पिछले दो चुनावों से राघोपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। राघोपुर की चर्चा कर प्रशांत किशोर ने एक सियासी बहस छेड़ दिया है। आरजेडी ने इस प्रतिक्रिया दी है।
पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में प्रेस को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इस दिशा में काम चल रहा है। अभी उनके दल में प्रत्याशियों की ओर से उम्मीदवारी के लिए आवेदन दिया जा रहा है। इसी दौरान मेरे नाम से पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राघोपुर से चुनाव लड़ने का आवेदन दिया है। अगर पार्टी का फैसला हुआ तो मैदान में उतर सकता हूं। लेकिन, अभी तक इस दिशा में कुछ फाइनल नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि जन सुराज किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। चुनाव के पहले या बाद में भी कोई गठबंधन नहीं होगा। यह पहले ही पार्टी स्पष्ट कर चुकी है। हारना मंजूर है लेकिन कोलिशन पैटर्न पर नहीं चलेंगे। 2025 तो क्या 2029 में भी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि इसी चंपारण से जब पदयात्रा शु्रू किया था तो दस आदमी भी नहीं थे। आज तो बहुत सारे लोग साथ चल रहे हैं।
इससे पहले प्रशांत किशोर ने कहा था कि अगर नीतीश कुमार चुनाव लड़ते हैं उनके खिलाफ मैदान में उतर जाएंगे। कहा था कि नीतीश कुमार सीधे जनता के बीच आकर चुनाव नहीं लड़ते बल्कि दूसरे सदन के लिए चुने जाते हैं। इस बार अगर वे चुनाव लड़ते हैं तो चुनौती देंगे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने की हसरत में बिहार के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर दिया। उन्होंने गलत नीति बनाकर दूसरे राज्यों के युवाओं के लिए बिहार में नौकरी का द्वार खोल दिया ताकि उन राज्यों में इनका ब्रांड वैल्यू बढ़े। ऐसे में बिहार के बच्चे दूसरे राज्यों में मजदूरी कर रहे हैं और बाहर के बच्चे यहां नौकरी कर रहे हैं। अगर जन सुराज की सरकार बनी तो राज्य की दो तिहाई नौकरियां स्थानीय बच्चों की दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के राज में अधिकारी इतने भारी हैं कि विधायक और मंत्री पर हावी हैं। सरकार ठीक से नहीं चल रही है।