कौन हैं सोनू-मोनू, जिन पर 'छोटे सरकार' अनंत सिंह पर फायरिंग का आरोप; कैसे हुए इतने दबंग
- सोनू और मोनू दोनों भाई हैं और उनके पिता पटना हाई कोर्ट में वकालत करते हैं। दोनों भाई एक लोकल गैंग चलाते हैं और ईंट भट्टे का कारोबार करते हैं। दोनों जलालपुर गांव के रहने वाले हैं और अपराधी हैं। उनके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हैं।
बिहार के मोकामा में लंबे समय से एकछत्र राज कर रहे बाहुबली अनंत सिंह पर बुधवार को फायरिंग हो गई। उनकी गाड़ी और समर्थकों को निशाना बनाते हुए दर्जनों राउंड फायरिंग हुई और इसका आरोप सोनू और मोनू गैंग पर लग रहा है। सोनू और मोनू के बारे में कहा जा रहा है कि ये दोनों एक दौर में अनंत सिंह के लिए ही काम करते थे, लेकिन फिर पैसों के चलते बात बिगड़ गई। सोनू और मोनू दोनों भाई हैं और उनके पिता पटना हाई कोर्ट में वकालत करते हैं। दोनों भाई एक लोकल गैंग चलाते हैं और ईंट भट्टे का कारोबार करते हैं। दोनों जलालपुर गांव के रहने वाले हैं और अपराधी हैं। उनके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हैं। लेकिन बिहार में छोटे सरकार जैसे उपनाम से चर्चित और अपने जलवे के लिए मशहूर अनंत सिंह पर आखिर यह हमला क्यों हुआ। यह भी जानना जरूरी है।
पूर्व विधायक का आरोप है कि वह मुकेश कुमार नाम के एक शख्स के बचाव में नौरंगा गांव गए थे। इसी गांव में सोनू और मोनू का कारोबार है और वे रहते हैं। अनंत सिंह का कहना है कि इन दोनों ने मुकेश कुमार को उनके घर में ही बंद कर दिया था और उनका मकान कब्जाने की धमकी देते रहते हैं। वह फैसला कराने के लिए अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे, लेकिन बात बिगड़ गई। सोनू-मोनू का कहना है कि अनंत सिंह के समर्थकों ने फायरिंग की शुरुआत की थी, जबकि अनंत सिंह का कहना है कि ये बदमाश लोग हैं और शांति वार्ता करने की कोशिश में वह गए थे। लेकिन उन्हें फायरिंग का सामना करना पड़ा। सोनू और मोनू इलाके में ईंट भट्टे का कारोबार करते हैं और बीते करीब एक दशकों में गैंग बनाकर दबंगई भी कायम कर ली है।
अनंत सिंह के लोगों का कहना है कि मुकेश कुमार की रकम सोनू-मोनू पर बकाया है। वहीं सोनू ने मीडिया से बातचीत में मुकेश पर ही आरोप लगाया और कहा कि वह हमारा मुंशी रहा है। उसने हमारे 60 लाख रुपये मार लिए हैं और तब से ही हम उससे पैसों की डिमांड कर रहे हैं। पटना ग्रामीण के एसपी विक्रम सिहाग ने कहा, 'अनंत सिंह ने सोनू और मोनू से कहा था कि वे मुकेश का कमरा खोल दें। ऐसा नहीं हुआ तो अनंत सिंह खुद ही अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए। इसी दौरान अनंत सिंह के समर्थकों की ओर से फायरिंग करने का आरोप है। इसके जवाब में दूसरे पक्ष ने भी गोलियां चलानी शुरू कर दीं।' फिलहाल इस मामले में किसी को अरेस्ट नहीं किया गया है और एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि सोनू और मोनू के खिलाफ करीब एक दर्जन गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं। हत्या, अपहरण और फिरौती जैसे कई मामले पटना और लखीसराय जिलों में उनके खिलाफ दर्ज हैं। इसके अलावा ट्रेल लूट के कई मामले भी उनके खिलाफ हैं। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि सोनू-मोनू कभी बाहुबली अनंत सिंह के लिए काम करते था, लेकिन अब अदावत है। अनंत सिंह और सोनू-मोनू में बीच अदावत की कहानी पंचायत चुनाव में शुरू हुई। दरअसल सोनू-मोनू गैंग के परिवार से उसकी बहन नौरंगा जलालपुर पंचायत से पिछला पंचायत चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन उम्र कम होने का आरोप लगाकर उसे चुनाव से बाहर कर दिया गया। इसके साथ ही गुड्डू सिंह ने अनंत सिंह की शह पर सोनू-मोनू की बहन को काफी तंग किया। वह चुनाव में खड़ी नहीं हो पाई। इसी गुड्डू सिंह का दोनों ने भाइयों ने कत्ल कर दिया था। फिलहाल इनकी मां मुखिया भी हैं।