अनंत सिंह को शास्त्र और शस्त्र की परिभाषा समझाएंगे; मोकामा के बाहुबली को सोनू सिंह की चुनौती
- सोनू सिंह ने मोकामा के बाहुबली को खुली चुनौती दी है। सोनू सिंह ने बगावत का ऐलान करते हुए कहा कि अब उन्हें शास्त्र और शस्त्र दोनों की परिभाषा समझा देंगे।
बिहार के चर्चित बाहुबली और पूर्व विधायक अनंत सिंह के क्षेत्र मोकामा के नौरांगा जलालपुर गांव में मंगलवार को सोनू-मोनू गैंग और अनंत सिंह के समर्थकों के बीच मंगलवार को जमकर गोलीबारी हुई। ताबड़तोड़ फायरिंग से इलाके में तनाव और दहशत का माहौल है जिसे देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है। इस मामले में अनंत सिंह की प्रतिक्रिया भी आई है जिसमें उन्होंने सोनू-मोनू को अपराधी बताया और कहा कि मेरे लोगों पर गोली चलाया तो मेरे समर्थकों ने बचाव किया। इस बीच सोनू सिंह ने मोकामा के बाहुबली को खुली चुनौती दी है। सोनू सिंह ने बगावत का ऐलान करते हुए कहा कि अब उन्हें शास्त्र और शस्त्र दोनों की परिभाषा समझा देंगे। अनंत सिंह को भष्मासुर बताते हुए सोनू ने कहा है कि अब विष्णु बनकर मोहिनी रूप धारण करना पड़ेगा। सोनू ने अनंत सिंह को चुनाव में नुकसान पहुंचाने की बात कही है। कहा जा रही है कि अनंत सिंह की मौजूदगी में गैंववार हुआ जिसमें अब तक तीन एफआईआर दर्ज किए जा चुके हैं।
बिहार में सरकार चाहे जिसकी हो लेकिन मोकोमा क्षेत्र में अनंत सिंह का प्रभाव कभी कम नहीं हुआ। उन्हें छोटे सरकार के नाम से जाना जाता है। लेकिन सोनू-मोनू गैंग ने उन्हें चुनौती दी है। मीडिया के साथ बात करते हुए सोनू सिंह ने कहा कि कहा कि अनंत सिंह खुद को साधु कहते हैं लेकिन उनके बारे में सब लोग जानते हैं। कहां से शुरू किया और कहां तक पहुंचे इस पर ध्यान देना चाहिए। जब वह हमारे गांव में पहुंचे तो गाड़ी में एक तरफ इनामी मनोज मानिक को और दूसरी ओर टीटू धमाका को बैठाए हुए थे। वे प्रोग्राम बनाकर गांव में आए थे।
सोनू सिंह ने कहा कि अनंत सिंह हमारे रिलेशन में भी हैं। लेकिन इन दोनों के चक्कर में पड़ गए। जिस मुकेश सिंह के घर में ताला लगाने की बात कही गयी वह मेरे कर्मचारी हैं। उनपर काम की जिम्मेदारी थी, लेकिन विश्वासघात कर दिया। गांव के लोगों को बैठकर पंचायत भी की गयी थी। लेकिन सोनू सिंह ने मुकेश सिंह के घर में ताला लगाने से इनकार कर दिया। हमारे खिलाफ राजनैति साजिश की जा रही है।
सोनू सिंह ने कहा कि अंत सिंह से कभी अदावत नहीं रही। मैं विवेका पहलवान का शिष्य था क्योंकि उनसे बहुत सहयोग और सहायता मिली। हमारा परिवार गरीब था। उनके सहयोग से हम लोग कुछ कर रहे थे। हमारे टेंडर में कमीशन मांगा जा रहा था। हम उनके चुनाव में साथ देते हैं तो कमीशन कैसे दें। हम पर जेल में भी हमला करवाया गया। उन्होंने मुछ पर कई केस करवाया पिता और भाई के कहने पर हम सारा अपमान भूलकर उनका चरण वंदना किया। अब उसी चरण से भष्मासुर की तरह प्रहार कर रहे हैं। तो अब मोहिनी रूप लेना पड़ेगा। उन्होंने हमारे घर पर हमला करवाया। उस समय हम लोग खेत पटा रहे थे।
सोनू सिंह ने कहा कि अब उनके खिलाफ राजनैतिक वगावत जारी रहेगा। अब हम उनके शास्त्र और शस्त्र की परिभाषा समझाएंगे क्योंकि हम कुछ पढ़े लिखे हैं। अब देखना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में मोकामा पूर्वी में उनकी क्या व्यवस्था है। समय का इंतजार कीजिए। यह 34 बनाम 68 की लड़ाई है। 34 साल का आदमी तेज दौड़ेगा कि 68 वर्ष का आदमी यह समय बताएगा।