बिहार में जहां जहरीली शराब से 50 मौतें हुईं, वहां के थाने में ही पुलिस वाले दारू पार्टी करते मिले
छपरा के जिस मशरक थाने में उत्पाद विभाग के पुलिसकर्मी शराब पार्टी करते हुए पकड़े गए, उस क्षेत्र में जहरीली शराब से बीते दो सालों के भीतर 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
बिहार के सारण (छपरा) जिले के मशरक मद्य निषेध थाने में 6 पुलिसकर्मियों को शराब पार्टी करते पकड़े गया। एसपी कुमार आशीष के अनुसार ऐसी सूचना है कि पहले भी इन सभी के द्वारा उत्पाद थाने में नर्तकियों को लाकर डांस कराया जाता था और शराब पार्टी की जाती थी। गौर करने वाली बात यह है कि मशरक क्षेत्र कई बार जहरीली शराबकांड की वजह से चर्चा में आ चुका है। यहां बीते दो सालों के भीतर 50 से ज्यादा लोग जहरीली शराब के सेवन से अपनी जान गंवा चुके हैं। जिन कंधों पर शराबबंदी के नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी है, वे ही अगर जाम छलकाते मिले तो सवाल उठना लाजमी है।
मशरक में जहरीली शराब के सेवन से दिसंबर 2022 को 43 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 2024 के जुलाई महीने में 8 और लोगों की शराबकांड में जान गई। 16 अक्टूबर को तीन और लोगों की जहरीली शराब के सेवन के बाद दम तोड़ दिया गया। यह तो सिर्फ सरकारी आंकड़ा है। मृतकों की संख्या इससे ज्यादा बताई जाती है।
सारण जिले में शराब की वजह से पहले भी वर्दी दागदार हुई है। निलंबन से लेकर पुलिसकर्मी जेल तक जा चुके हैं, लेकिन सिलसिला थम नहीं रहा। उत्पाद विभाग से लेकर पुलिस महकमे के पदाधिकारी एवं जवान शराब नहीं पीने की शपथ लेते हैं, लेकिन खुद ही इसमें समय-समय पर संलिप्त नजर आते हैं। मशरक के थानेदार जहरीली शराबकांड में सस्पेंड भी किए जा चुके हैं।
शराब केस में पहली बार वैसे तो इंस्पेक्टर, दारोगा और सिपाही गिरफ्तार किए गए हैं। मगर इससे पहले भी छपरा के सहाजितपुर और परसा थाने के दारोगा एवं चौकीदार जेल जा चुके हैं। 7 नवंबर 2022 को सहाजितपुर थाने क्षेत्र के बंगाली पट्टी गांव में एक दारोगा का जाम छलकाते हुए वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद एसपी ने दारोगा पर कार्रवाई की थी। परसा थाने के चौकीदार को भी शराब पीने के मामले में जेल भेजा जा चुका है।