महागठबंधन सरकार के कारनामे खोजने लगे विजय सिन्हा; तेजस्वी के समय 26 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा गया में तीन सड़कों के निर्माण में अनियमितता बरती गई है। गया से स्टोन चिप्स की खरीदारी कर झारखंड के पाकुड़ से उसे दिखाया गया। 26 करोड़ ठेकेदार को भुगतान किया गया। तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के कार्यकाल में यह अनियमितता हुई है।
बिहार में सीएम नीतीश कुमार के राजद और महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में लौटने के ठीक एक साल बाद भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव के पहले कार्यकाल के दौरान सड़क निर्माण के ठेके में 26 करोड़ रुपये के भुगतान में गड़बड़ी का दावा किया है। 28 जनवरी 2024 को जब विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी डिप्टी सीएम बने थे, उसके बाद भाजपा नेताओं ने कहा था कि महागठबंधन सरकार के दौरान राजद और कांग्रेस के मंत्रियों के काम की पड़ताल होगी। इशारा भ्रष्टाचार की फाइल खोजने और सामने लाने का था। विधानसभा चुनाव से 8-9 महीने पहले और डिप्टी सीएम के तौर पर एक साल पूरा करने के दिन विजय सिन्हा की पहली खोज महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव पर सीधा हमला है।
उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि गया में तीन सड़कों के निर्माण में अनियमितता बरती गई है। गया से स्टोन चिप्स की खरीदारी कर झारखंड के पाकुड़ से उसे दिखाया गया। 26 करोड़ ठेकेदार को भुगतान किया गया। तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के कार्यकाल में यह अनियमितता हुई है। इस मामले में दोषी ठेकेदारों पर नियमानुसार मुकदमा भी किया जाएगा। साथ ही पैसे की वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गया के वजीरगंज कार्य प्रमंडल में भिण्डस-चमनडीह (21.30 किमी) के चौड़ीकरण मद में 18 करोड़ 9 लाख खर्च होना था। वजीरगंज-तपोवन (19.58 किमी) के चौड़ीकरण पर 33 करोड़ 38 लाख 95 हजार तो जमुआमा-शेवतर पथ (17.50 किमी) के चौड़ीकरण पर 25 करोड़ 51 लाख 53 हजार खर्च होना था। इन तीनों सड़कों के निर्माण में उपयोग किये गये स्टोन चिप्स मानपुर, गया खदान में अनुपलब्ध बताकर पाकुड़, झारखंड से अतिरिक्त ढुलाई लागत का आवेदन ठेकेदार ने विभाग को दिया। विभाग ने उस समय इसकी स्वीकृति दे दी। अतिरिक्त ढुलाई लागत के रूप में 26 करोड़ से अधिक राशि का भुगतान 2016-2017 में ठेकेदार को किया गया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्टोन चिप्स की ढुलाई मानपुर, गया की जगह पाकुड़ झारखंड से किये जाने का मामला संदिग्ध लगने पर मैंने मामले की जांच के आदेश दिये थे। जिला खनन पदाधिकारी, पाकुड़ झारखण्ड ने प्रतिवेदित किया है कि इन पथों के लिए स्टोन चिप्स नहीं उपलब्ध कराये गये थे। इससे यह साफ हो गया कि ठेकेदार और विभागीय इंजीनियरों की मिलीभगत से सरकार को 26 करोड़ से अधिक की वित्तीय क्षति हुई है। यह अत्यंत गंभीर मामला है। ठेकेदार की ओर से इतनी बड़ी राशि का अवैध विपत्र प्रस्तुत करने का दुस्साहस बिना संरक्षण के संभव नहीं होता है।
ठेकेदार के कई राजनेताओं से संबंध हैं। एजेंसी द्वारा विभाग में किए गए सभी कार्यों की जांच करायी जाएगी। एनआईटी और आईआईटी के अभियंताओं से इस्टीमेट की जांच कराई जाएगी। दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने की कार्रवाई पर भी विचार होगा। जरूरत हुई तो मुकदमा भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करती है। इस मामले से एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष के कार्यकलापों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है। राजनीति के माध्यम से अकूत सम्पत्ति अर्जित करने में कई माहिर लोग हैं। लेकिन राज्य के वित्तीय संसाधन को नुकसान पहुंचाने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। ठेकेदार के संरक्षकों की भी पहचान की जाएगी और सभी दोषियों पर कार्रवाई होगी।
कार्रवाई करने से किसने रोका- RJD
इन आरोपों पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ‘जब से यह सरकार बनी है और जब-जब तेजस्वी यादव इस सरकार में आते हैं तो यह लोग इस तरह के आरोप लगाते हैं। इस तरह के निराधार और बेबुनियाद आरोप लगाने से नहीं होगा। दिल्ली से लेकर पटना तक इनकी सरकार है। रोज तो जांच एजेंसी का यहां नजर लगा रहता है तो कार्रवाई करने से किसने रोका है।’