किशनगंज में एक ही परिवार के तीन बच्चों की रहस्यमयी बीमारी से मौत, इलाके में खौफ का माहौल
किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड के एक गांव में बीते 6 दिनों के भीतर एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत हो जाने से पूरे इलाके में खौफ का माहौल पैदा हो गया है। इन बच्चों की उम्र चार से छह साल थी। इसी परिवार के एक और बच्चे की भी हालत गंभीर है। गांव के चार-पांच बच्चों में भी ऐसे ही लक्षण पाए गए हैं।
बिहार के किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड में एक ही परिवार के तीन बच्चों की रहस्यमयी बीमारी से मौत हो जाने से हड़कंप मचा हुआ है। यह मामला पदमपुर पंचायत के कटहलबाड़ी गांव का है। यहां रहने वाले मौलवी मुस्तफा के दो पोतियों और एक पोते ही बीते 6 दिनों के भीतर एक-एक कर मौत हो गई। उनका एक और पोता बीमार है और गंभीर अवस्था में जिंदगी और मौत से लड़ रहा है। एक ही परिवार के तीन बच्चों की अचानक रहस्यमयी मौत से इलाके में शोक का माहौल है। इस घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए किशनगंज के जिला पदाधिकारी विशाल राज ने स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम के साथ गांव का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे शांत रहें और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें।
जानकारी के मुताबिक अज्ञात बीमारी की वजह से मौलवी मुस्तफा की चार साल की पोती नफीस आलम की शुक्रवार को किशनगंज के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। इससे पहले उनके दो पोते-पोती रीफत (6) और उजमा नशरीन (5) ने दम तोड़ दिया था। रीफत की 27 अक्टूबर को घर में, तो उजमा की 29 अक्टूबर को किशनगंज अस्पताल में जान गई थी। उनका एक भाई की हालत भी गंभीर है, जिसे डीएम के निर्देश पर पटना रेफर कर दिया गया है। मेडिकल टीम उसे वेंटिलेटर सपोर्ट सिस्टम के साथ पटना ले जा रही है। वहीं, इस एक के बाद एक तीन बच्चों की मौत होने के बाद मेडिकल टीम गुरुवार से गांव में कैंप कर रही है। सीडीओ डॉक्टर राजेश कुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि दिघलबैंक के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम के साथ डॉ. एनामुल हक, डॉ. टीएन रजक, डॉ. आफताब आलम समेत अन्य मेडिकल स्टाफ कटहलबाड़ी गांव में कैंप कर रहे हैं। उन्होंने गांव के कई बच्चों का हेल्थ चेकअप किया। जिनमें सर्दी, बुखार जैसे लक्षण पाए गए, उनके खून के नमूने जांच के लिए भेज दिए गए। मौके पर मौजूद डाक्टरों की टीम की मानें तो अबतक बीमार हुए बच्चों में उलटी के बाद तेज बुखार की शिकायत मिली। इसके अलावा उनमें रोने और चीखने, अचानक चमक जाने और आखिर में शरीर में ऐंठन जैसे लक्षणों को देखा गया। इन लक्षणों को देखकर इसे वायरल बुखार से मिलती-जुलती कोई बीमारी की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, बिना मेडिकल रिपोर्ट के इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है।
फिलहाल इस बीमारी को लेकर गांव सहित पूरे दिघलबैंक प्रखंड में डर का माहौल है। लोग अपने बच्चों को लेकर चिंतित हो गए हैं। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम मामले के संज्ञान में आने के बाद से लगातार गांव में कैंप कर रही है। रिश्ते में मृतकों के चचेरे दादा अबुजर की मानें तो अबतक सभी बच्चों की मौत सुबह के करीब तीन से चार बजे के बीच ही हुई है। ऐसे में जितने लोग उतनी बातें। लोग दहशत में हैं। घटना कि जानकारी मिलते ही स्थानीय विधायक सउद आलम ने भी गुरुवार को कटहलबाड़ी गांव का दौरा करते हुए पीड़ित परिवार से मिलकर ढांढस बांधया है।
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि एक बच्चे की मौत घर में तथा दो बच्चों की मौत एमजीएम मेडिकल कॉलेज में इलाज कर दौरान हुई है। एक और बच्चा वैसे ही बीमारी से पीड़ित है। अभिभावक उसका इलाज कराने अस्पताल लेकर गए थे लेकिन वे वापस उसे घर लेकर चले गए। अब उसे इलाज के लिए सरकारी एंबुलेंस से हायर सेंटर भेजा जा रहा है। गांव में चार-पांच और बच्चों में ऐसी बीमारी के लक्षण पाए गए हैं। यह अज्ञात बीमारी 3 से 6 साल के बच्चों को ही प्रभावित कर रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इसका सही से पता चल पाएगा।
दिघलबैंक में इस घटना के बाद किशनगंज के डीएम विशाल राज ने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे किसी प्रकार की अफवाहों से बचें और स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखें। उन्होंने कहा कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए है और किसी भी पैनिक की जरूरत नहीं है। विशेष रूप से, उन्होंने अभिभावकों से बच्चों की देखभाल करने, साफ-सफाई बनाए रखने, और खान-पान में सावधानी बरतने की अपील की।