बिहार में इस बार दिवाली रही कम प्रदूषण वाली, पटना समेत 12 शहरों की हवा में आया सुधार
पिछले साल के मुकाबले बिहार में इस बार की दिवाली कम प्रदूषण वाली रही। पटना समेत 12 शहरों की हवा में दीपावली के मौके पर पिछले साल की तुलना में सुधार आया है। हालांकि, फिर भी इस बार इन शहरों का एक्यूआई खराब श्रेणी में ही दर्ज किया गया। हाजीपुर में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण महसूस किया गया।
बिहार में इस बार कम धुएं और धूलकण वाली दिवाली रही। पिछले साल की तुलना में इस बार कम पटाखे फोड़े गए और प्रकृति ने भी साथ दिया। तेज हवा और सामान्य तापमान के कारण पिछली दीपावली की तरह राज्य के लोगों को जहरीली हवा से राहत मिली है। पटना समेत राज्य के 12 शहरों में पिछली दिवाली की तुलना में वायु प्रदूषण कम रहा। हालांकि, दिवाली के दिन 24 घंटे के दौरान इन शहरों की हवा खराब श्रेणी में ही रही। इस बार पटना का वायु गुणवत्ता का औसत सूचकांक 233 (खराब श्रेणी) रहा जो अबतक का दिवाली के दिनों में सबसे कम था। वहीं पिछले वर्ष दीपावली के मौके पर पटना का एक्यूआई 333 (बहुत खराब श्रेणी) में रहा था। 2023 में राजधानी का अधिकतम एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया था।
मुजफ्फरपुर में पिछले साल दिवाली के दिन पीएम 10 और पीएम 2.5 का सूचकांक 219 था जबकि इस वर्ष यह 175 पाया गया। वहीं वायु गुणवत्ता सूचकांक के पांच प्रदूषकों के आधार पर मुजफ्फरपुर का औसत सूचकांक 290 रहा। गया शहर का भी हाल कुछ ऐसा ही है। पिछली बार पीएम 10 और पीएम 2.5 का सूचकांक 288 था। इस बार गया में इन दोनों का सूचकांक 116 पाया गया। हालांकि सामान्य दिनों की तुलना में इन दोनों शहर में मोटे और महीन धूलकण की मात्रा में कोई खास कमी नहीं है।
हाजीपुर रहा सबसे अधिक प्रदूषित
सूबे के जिन 12 शहरों की हवा दिवाली के दिन खराब श्रेणी में पाई गई उसमें हाजीपुर की स्थिति सबसे खराब है। दीपवली पर हाजीपुर बिहार का सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 346 पाया गया। हाजीपुर में पीएम10 अधिकतम 415 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया, जो मानक से लगभग सात गुना अधिक है। जबकि पीएम2.5 यानी महीन धूल कण की अधिकतम मात्रा प्रति घनमीटर 500 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही। यह मानक से 9 गुना ज्यादा है।
इन शहरों की हवा खराब श्रेणी में
दिवाली से एक दिन पहले सूबे में 5 शहरों की हवा खराब श्रेणी में थी। इनमें पटना, गया, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और पूर्णिया शामिल हैं। दिवाली के दिन इन शहरों के अलावा अररिया, बक्सर, बेगूसराय, छपरा, मुंगेर, सहरसा, सीवान और समस्तीपुर की हवा भी खराब श्रेणी में आ गई। हालांकि पिछले वर्षों में दीवाली के दौरान इन शहरों की आबोहवा इस वर्ष के मुकाबले ज्यादा खराब थी। इस वर्ष पूर्व की दिवाली के मुताबिक वायु प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली है।
राजाबाजार और आयकर गोलंबर क्षेत्र में खूब पटाखे फूटे
दिवाली के दिन पटाखे पिछली वर्ष की तुलना कम फोड़े गए। यह दावा बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने किया है। इस बार दिवाली में शास्त्रीनगर क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण में पिछली बार की तुलना में कमी पाई गई है। हालांकि सामान्य दिनों से अधिक ध्वनि प्रदूषण रहा। पिछली बार औसत ध्वनि प्रदूषण स्तर 74 डेसिबल था। जबकि इस बार 67 डेसिबल ध्वनि स्तर दर्ज किया गया। राजाबाजार,आयकर गोलंबर,पाटलिपुत्र औद्योगिक क्षेत्र, बोरिंग रोड चौराहा, जुलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया कंकड़बाग, तारामंडल क्षेत्र, अदालतगंज, चाणक्या लॉ यूनिवर्सिटी, दानापुर क्षेत्र में खूब पटाखे फोड़े गए। इन क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण का स्तर पिछले वर्ष के बराबर रहा।
पटना में क्यों कम रहा प्रदूषण?
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ.डीके शुक्ला ने बताया कि पिछले वर्ष दिवाली की तुलना में इस बार वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। हालांकि हवा की गुणवत्ता खराब रही लेकिन इस वर्ष पटाखे भी कम फोड़े गए। वहीं पटना के लोगों में जागरूकता भी बढ़ी है। इसके अलावा मौसम ने भी साथ दिया। वहीं हाजीपुर की हवा बहुत खराब श्रेणी में पायी गयी। इसकी वजह निर्माण कार्य को माना जा रहा है।