Hindi Newsबिहार न्यूज़Samrat Chaudhary counterattack on Tejashwi allegation asked Lalu Yadav tell who gave reservation Congress also surrounded

तेजस्वी के आरोप पर सम्राट चौधरी का पलटवार, पूछा- लालू यादव बताएं किसे आरक्षण दिया? कांग्रेस को भी घेरा

आरक्षण पर तेजस्वी के आरोपों का उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि लालू यादव बताएं किसे आरक्षण दिया है। कांग्रेस-आरजेडी को इस मुद्दे पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है।

Sandeep लाइव हिन्दुस्तान, पटनाFri, 2 Aug 2024 07:11 PM
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बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सह डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने राज्य में बढ़े हुए आरक्षण को लेकर नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब देते हुए पलटवार किया है। और कहा कि लालू यादव को बताना चाहिए कि उन्होने किसे आरक्षण दिया है। कांग्रेस और आरजेडी को आरक्षण पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। राजद और कांग्रेस के नेता सिर्फ अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। लेकिन बिहार की जनता सब जानती और समझती है। बिहार कल भी आरक्षण के सपोर्ट में थी और आज भी रिजर्वेशन के समर्थन में है। 

शुक्रवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि कांग्रेस और लालू प्रसाद को बताना चाहिए कि उन लोगों ने किसे आरक्षण दिया। लोकतंत्र के इतिहास में न तो कांग्रेस और न ही लालू प्रसाद ने किसी को आरक्षण दिया। इसलिए इन दोनों दलों को आरक्षण पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। बिहार की जनता सब समझती है।

सम्राट चौधरी ने कहा कि  बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने अभी आरक्षण को खारिज नहीं किया है, बल्कि स्टे लगाया है। जिस पर सरकार की पूरी नजर है और उस दिशा में जरूरी कार्रवाई की जा रही है।

आपको बता दें इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये आरोप लगाया था कि केंद्र और बिहार दोनों में एनडीए की सरकार है। लेकिन बढ़े आरक्षण को संविधान की नौंवीं सूची में शामिल कराने की कोई कोशिश नहीं कर रहा है। बीजेपी हमेशा से आरक्षण की विरोधी रही है। वहीं नीतीश सरकार ने भी इस मामले पर अब चुप्पी साध ली है। उनकी पार्टी के नेता इस मामले पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। लगता है कि नीतीश कुमार की एनडीए में सुनी नहीं जा रही है, या फिर वो सुना नहीं रहे हैं। लेकिन आरजेडी सड़क पर आंदोलन करेगी, और सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल करेगी। 

आपको बता दें बिहार आरक्षण कानून को पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। इस फैसले के खिलाफ नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। और याचिका दाखिल की थी। जिस पर शीर्ष अदालत ने स्टे लगाए रखा है। अब सितंबर में इस मामले की पूरी सुनवाई के बाद फैसला आएगा। 

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