शिक्षा विभाग : प्राथमिकी बाद भय व आक्रोश
शिक्षा विभाग : प्राथमिकी बाद भय व आक्रोश

लखीसराय, हिन्दुस्तान संवाददाता। शिक्षा विभाग के डीपीओ संजय कुमार द्वारा रविवार को प्रधानाध्यापक, संवेदक एवं तकनीकी टीम पर प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बाद भय के साथ आक्रोश की स्थिति बनी है। कल तक सब कुछ मैनेज करने का दावा करने वाले भी प्राथमिकी के बाद भूमिगत हो गए हैं। कुल मिलाकर देखा जाय तो शिक्षा विभाग में भय के बीच कार्रवाई से बचने का जुगत लगाने का प्रयास किया जा रहा है। हर किसी के जुबान पर एकमात्र सवाल है कि अब आगे की कार्रवाई क्या होगी। अब तक 90 फाइलो में गड़बड़ी मिलने के बाद शिक्षा विभाग के द्वारा 52 योजनाओं पर कार्रवाई की गई है। वहीं अब भी 38 कर्मियों पर कार्रवाई होना बांकी है। शिक्षा विभाग के द्वारा विद्यालयों के विकास एवं सुदृढ़ीकरण की योजना में गड़बड़ी करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है। इन सभी के द्वारा विद्यालय विकास की योजनाओं को पूरा किए बगैर ही कार्य पूर्ण दिखाकर फर्जीवाड़ा करते हुए राशि निकासी को प्रयास किया गया था। बिल कोषागार तक गया लेकिन डीएम की सर्तकता के कारण भुगतान नहीं हो सका।
वहीं डीएम के द्वारा 734 से ज्यादा ऐसे योजनाओं की जांच कराई जा रही है जिसका वित्तीय वर्ष 2024-25 में राशि का भुगतान किया गया है। जांच टीम में शामिल रहे कर्मियों की मानें तो भुगतान किए गए योजनाओं में भी व्यापक गड़बड़ी हुई है। जांच रिपोर्ट की समीक्षा के बाद एक बार फिर से बड़ी कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। देखना होगा कि कितने योजनाओं में गड़बड़ी पाई जाती है और डीएम के निर्देश पर क्या कार्रवाई होती है। वहीं रविवार को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सोमवार को कई नामजद हुए गुरूजी विद्यालय जाने के नाम पर संशय में दिखे। सभी के जुबान पर एक ही सवाल था कि पुलिस क्या कार्रवाई करती है। हालांकि सोमवार को पुलिसिया कार्रवाई नहीं होने से नामजद विद्यालय प्रधानों ने राहत की सांस ली। पुलिस भी वेट एण्ड वाच की स्थिति में है और कार्रवाई से पहले हरेक पहलुओं को परखना चाहती है। वहीं शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई किए जाने के संबंध में डीपीओ स्थापना संजय कुमार ने कहा कि पुलिस की गतिविधि के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के अनुसंधान एवं कार्रवाई होने का शिक्षा विभाग इंतजार कर रहा है।
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