पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई, सिपाही चयन पर्षद दफ्तर पर ईओयू की दबिश
सरदार पटेल भवन के छठे तल पर मौजूद इसके पुराने कार्यालय के अलावा पटना में हज भवन के सामने मौजूद नए कार्यालय में टीम ने शाम पांच बजे सघन छानबीन शुरू की, जो देर रात तक चलती रही।
सिपाही पेपर लीक मामले में ईओयू की विशेष टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुवार को केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के कार्यालय में जाकर सर्च किया। परीक्षा इसी पर्षद द्वारा ली गई थी। सरदार पटेल भवन के छठे तल पर मौजूद इसके पुराने कार्यालय के अलावा पटना में हज भवन के सामने मौजूद नए कार्यालय में टीम ने शाम पांच बजे सघन छानबीन शुरू की, जो देर रात तक चलती रही। इस दौरान परीक्षा से जुड़ी तमाम कागजातों की जांच की गई। कार्यालय के कई कर्मियों से भी पूछताछ की गई।
प्राप्त सूचना के अनुसार, परीक्षा आयोजित करने से संबंधित तमाम प्रक्रिया, प्रश्न-पत्र के टेंडर तथा अन्य सभी प्रक्रियाओं से जुड़े तमाम कागजात निकलवाए गए और इनकी जांच की गई। पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष के कमरे की खासतौर से तलाशी ली गई है। यहां रखी सभी फाइलों के अतिरिक्त लैपटॉप, कंप्यूटर समेत अन्य उपकरणों और दस्तावेजों को खंगाला गया। तत्कालीन अध्यक्ष के कमरे से मिले दो लैपटॉप के अलावा इनके कक्ष और कार्यालय में इससे जुड़े करीब आधा दर्जन कंप्यूटरों के हार्डडिस्क को पूरी तरह से खंगाला जा रहा है। इसमें रखी सभी फाइलें और फोल्डर समेत अन्य सभी जरूरी चीजों की तफ्तीश चल रही है। हालांकि जांच में क्या-क्या बरामदगी हुई है, इसकी जानकारी आधिकारिक रूप से सामने नहीं आई है।
इससे पहले ईओयू की एसआईटी ने कई बार चयन पर्षद से सिपाही भर्ती से जुड़ी कई जरूरी कागजातों की मांग की थी। परंतु चयन पर्षद की तरफ से कोई कागजात जांच टीम को मुहैया नहीं कराई गई। इधर, तफ्तीश के दौरान कई अहम बाते सामने आई, इसके बाद यह सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। राज्य में 1 अक्टूबर 2023 को सिपाही के 21 हजार से अधिक पदों पर बहाली के लिए परीक्षा हुई थी। परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले इसका प्रश्न-पत्र वायरल हो गया था। इस पूरे मामले की जांच करने के लिए 31 अक्टूबर 2023 को ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो की अगुवाई में 22 सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया गया था।
ईओयू के मुताबिक, इस मामले को लेकर दर्ज कांड संख्या 16/23 में कोर्ट से सर्च वारंट प्राप्त कर गुरुवार को कार्यालय में जांच की पूरी प्रक्रिया शुरू की गई है। गौरतलब है कि इस मामले में अब तक 212 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मामला तूल पकड़ने के बाद चयन पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष सह पूर्व डीजीपी एसके सिंघल को सरकार ने पद से हटा दिया था।
ईओयू में मामला दर्ज होने के पहले सभी जिलों में इस मामले में 75 एफआईआर दर्ज हुई थी। इन सभी एफआईआर को ईओयू ने अपने पास मंगवाकर इसका समुचित अध्ययन किया है। इसके बाद ईओयू ने इस मामले की सूचना देने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया था, जिसमें भी कई महत्वपूर्ण जानकारी जांच एजेंसी के हाथ लगे थे। पूरे मामले की तफ्तीश के बाद ईओयू ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है।