हार्ट अटैक और ब्रेन हैमरेज की विशेष व्यवस्था, ICU में अब 122 बेड; अपग्रेड हुआ IGIMS पटना
- अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि इमरजेंसी के ऊपरी तल्ले पर आईसीयू वार्ड बनाया गया है। अब 26 बेड के नए आईसीयू वार्ड बनने से यह संख्या 122 हो जाएगी। संस्थान के हृदय रोग विभाग में लगी नई बाईप्लेन कैथलैब मशीन से हार्ट अटैक और ब्रेन हैमरेज के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
बिहार का राजधानी पट स्थितआईजीआईएमएस में मरीजों के लिए आईसीयू बेड की संख्या और बढ़ेगी। अब यह संख्या 122 हो जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय द्वारा इमरजेंसी की विस्तारित शाखा और हृदय रोग विभाग में बाईप्लेन कैथलैब का शुक्रवार को लोकार्पण करेंगे। इस संस्थान में अब हार्ट अटैक और ब्रैन हैमरेज के मरीजों के इलाज की सुविधाएं काफी बढ़ जाएंगी। इस संस्थान में मरीजों को कम खर्च में इलाज की सुविधा मिल सकेगी।
संस्थान के अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि इमरजेंसी के ऊपरी तल्ले पर आईसीयू वार्ड बनाया गया है। अब 26 बेड के नए आईसीयू वार्ड बनने से यह संख्या 122 हो जाएगी। संस्थान के हृदय रोग विभाग में लगी नई बाईप्लेन कैथलैब मशीन से हार्ट अटैक और ब्रेन हैमरेज के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। हृदयरोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. डॉ. रवि विष्णु प्रसाद ने बताया कि बिहार-झारखंड के किसी भी अस्पताल में यह पहली मशीन है। नई बाई प्लेन मशीन से दिल और दिमाग के नसों की ना सिर्फ एंजियोग्राफी की जा सकेगी, बल्कि सिकुड़ी धमनियों और नसों को भी फैलाया जा सकेगा।
आईजीआईएमएस के डॉक्टरों ने बताया कि बाई प्लेन कैथलैब के कई फायदे हैं। यह बहुत तेज गति से हृदय और ब्रेन से जुड़ी धमनियों की बीमारियों की पहचान और एकीकृत इलाज करने में सक्षम है। कम रेडिएशन होने के कारण यह मरीजों के लिए सुरक्षित है और एक ही मशीन से अलग-अलग उपचार की सुविधा होने से मरीजों के लिए कम लागत में इलाज की सुविधा हो सकती है। बिहार में हार्ट अटैक और ब्रेन हैमरेज के मरीजों की संख्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है। कम उम्र के लोग भी हार्ट अटैक से मौत के शिकार हो रहे हैं। एसे में आईजीआईएमएस में शुरू रही नई व्यवस्था मरीजोंं के लिए वरदान साबित होगा।