वन विभाग कर्मी सिपाही भर्ती परीक्षा का सेटर; एडमिट कार्ड, ऑरिजनल और ब्लैंक चेक के साथ गिरफ्तार
यह गिरोह काफी शातिर अंदाज में काम करता है। कोई भी वैकेंसी आने पर एक बार में 10 से 12 अभ्यर्थियों से उनका मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र, चेक बुक अन्य कागजात ले लिये जाते थे। परीक्षा पास होने के बाद सात लाख देने का सौदा तय होता था। कोई अभ्यर्थी परीक्षा में पास हो गया तो क्रेडिट गिरोह लेता था।।
बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी की एक के बाद एक परतें खुल रही हैं। नए नए सेटर और मास्टरमाइंड सामने आ रहे हैं। पटना पुलिस ने सिपाही भर्ती परीक्षा पास करवाने का झांसा देने वाले गिरोह के मास्टमाइंड और वनपाल विजय कुमार रजक को गिरफ्तार कर लिया है। उसे सुपौल जिले के करजइन थानांतर्गत सिमराही गांव स्थित उसके पैतृक आवास से पकड़ा गया है। पूछताछ में कई अहम खुलासे की संभावना है। उसके पास से कई आपत्तिजनक सामग्री भी मिली है। शुक्रवार को विशेष टीम उसे पटना लेकर पहुंची। विजय मधेपुरा जिले के डीएफओ कार्यालय में वनपाल के पद पर तैनात है। पुलिस ने उसके पास से दस से अधिक अभ्यर्थियों के मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र, प्रवेश पत्र, ब्लैंक चेक, स्टांप सहित कई अन्य कागजात बरामद किया है। पूछताछ करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया।
इस मामले में डीएसपी विधि व्यवस्था 1 कृष्ण मुरारी प्रसाद ने बताया कि विजय एक ठग गिरोह चलाता था। यह गिरोह सरकारी नौकरी वाली परीक्षाओं में सेटिंग से पास कराने का दावा करता है और नए नए अभ्यर्थियों को फंसाकर ठगी करता है। इस गिरोह के सदस्य अभ्यर्थियों से सिपाही बहाली जैसी परीक्षा में पास करवाने की बात कहकर उनसे रुपये ऐंठते थे। धंधे में यह ईमानदारी बरतते थे कि जिनका काम नहीं हुआ उनके पैसे और कागजात समय से लौटा देते थे।
ऑरिजनल सर्टिफिकेट कर लेते जब्त
जानकारी मिली है कि यह गिरोह काफी शातिर अंदाज में काम करता है। कोई भी वैकेंसी आने पर एक बार में 10 से 12 अभ्यर्थियों से उनका मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र, चेक बुक अन्य कागजात ले लिये जाते थे। उसके बाद यह गिरोह कुछ नहीं करता था। परीक्षा पास होने के बाद सात लाख देने का सौदा तय होता था। अगर किस्मत से कोई भी अभ्यर्थी परीक्षा में पास हो गया तो उससे यह कहकर रुपये ठग लिये जाते थे कि उन्हें विजय ने ही पास करवाया है। बाकी के अभ्यर्थियों के कागजात और ब्लैंक चे उन्हें वापस दे दिए जाते थे। गिरोह की सेवा लेने वाले छात्र ही इनकी मार्केटिंग करते थे जिससे इनके पास क्लाइंट की कमी नहीं रहती।
पकड़े गये तीन संदिग्धों में एक अभ्यर्थी
कोतवाली पुलिस ने फ्रेजर रोड स्थित मगध होटल से अररिया जिले के रहने वाले रामाशीष और प्रेम-प्रकाश और नालंदा जिले के निवासी चंदन को पकड़ा था। रामाशीष के काले रंग के बैग से बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा के आठ एडमिट कार्ड मिले, जो अलग-अलग अभ्यर्थियों के थे। वे एक प्लास्टिक की थैली में रखे थे, जिसमें एक हजार रुपये मूल्य का स्टांप पेपर, ब्लैंक चेक, डेबिट कार्ड, कुछ शैक्षणिक प्रमाणपत्र भी रखे मिले। कोतवाली थानेदार राजन कुमार के मुताबिक तफ्तीश में पता चला है कि राजन ने खुद भी सिपाही बहाली की परीक्षा दी थी। प्रेम प्रकाश पूर्व में भी जेल जा चुका है। वहीं उसकी दोस्ती एक व्यक्ति से हुई थी जिसने उसकी जान-पहचान चंदन से करवाई। फिर सभी वनपाल के गिरोह से जुड़े। पुलिस ने रामाशीष, प्रेम-प्रकाश और चंदन को जेल भेज दिया है।