नीतीश भीष्म, चिराग कर्ण, तेजस्वी युधिष्ठिर; RJD विधायक ने 'अन्याय के साथ खड़े अपने लोग' गिने
राजद विधायक ने कहा, ‘जिस तरह से अधर्म, अन्याय और अत्याचार को खत्म कर न्याय स्थापित करने के लिए श्रीकृष्ण का जन्म इस धरती पर हुआ था। तो उसी तरह आज भी बिहार में स्थिति बहुत नाजुक है।'
राष्ट्रीय जनता दल के एक विधायक ने बिहार की मौजूदा स्थिति की तुलना महाभारत काल से की है। RJD विधायक ने इसी के साथ यह भी कहा है कि पार्टी के नेता तेजस्वी यादव युधिष्ठिर की भूमिका में आकर राज्य में न्याय कायम करेंगे। RJD विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने मीडिया से बातचीत के दौरान अपनी बात रखी है। तेजस्वी के विधायक ने 'नीतीश को भीष्म पितामह, मांझी को द्रोणाचार्य और चिराग को कर्ण बताते हुए कहा कि ये सब अपने लोग हैं लेकिन मजबूरी में अन्याय के साथ रहने को विवश हैं।'
सोमवार को RJD विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने मीडिया से बातचीत के दौरान अपनी बात रखी है। सबसे पहले उन्होंने जनमाष्टमी के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि पूरी दुनिया श्रीकृष्ण का जन्मदिन मना रही है और हम लोग भी उनके आदर्शों को मानते हैं तथा उन्हें आत्मसात करते हैं। इसके बाद राजद विधायक ने कहा, ‘जिस तरह से अधर्म, अन्याय और अत्याचार को खत्म कर न्याय स्थापित करने के लिए श्रीकृष्ण का जन्म इस धरती पर हुआ था। तो उसी तरह आज भी बिहार में स्थिति बहुत नाजुक है।
उस दौर में चीरणहरण हुआ करता था। अन्याय, नाइंसाफी हकमारी होती थी। आज हमलोग महसूस कर रहे हैं कि बिहार में लूट, बलात्कार, हत्या, चोरी, जुर्म, अन्याय, बिहार की जनता की हकमारी है और उसको इंसाफ मिलना नामुमकिन सा नजर आ रहा है। बिहार तमाम पैरामीटर पर दिन-प्रतिदिन पिछड़ता जा रहा है।’
राजद विधायक ने आगे कहा, 'सबसे ज्यादा गरीब बिहार में हैं। सबसे ज्यादा अशिक्षा बिहार में है। सबसे ज्यादा पलायन बिहार में है। सबसे बदहाल स्थिति में बिहार है। बिहार की जनता कराह रही है। जबकि केंद्र में जो राजा बैठे हैं वो भी एनडीए के हैं और बिहार में जो बैठे हैं वो भी एनडीए के हैं। दोनों मिलकर बिहार की बदहाली को दूर नहीं कर पा रहे हैं।
बिहार की जनता के साथ न्याय नहीं हो पा रहा है। हमलोगों को लगता है कि श्रीकृष्ण जी ने जिस तरह से न्याय स्थापित करने के लिए हस्तिनापुर में जो धृतराष्ट्र या जो भी उनके पुत्र दुर्योधन थे, या फिर वहां पर बड़े-बड़े विद्वान लोग बैठे थे। फिर चाहे वो भीष्म पितामह हो, द्रोणाचार्य हो। तमाम लोगों के होने बावजूद जुर्म, अन्याय और नाइंसाफी हो रही थी। इसे देखते हुए हम लोगों को लगता है कि उस जमाने में श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को वहां का राजा बना कर हस्तिनापुर में न्याय स्थापित करने का काम किया था।'
इसके बाद राजद विधायक ने आगे कहा, ‘अब लगता है कि बिहार में भी नीतीश कुमार भी आज उसी भूमिका में हैं। जीतन राम मांझी हों, चिराग पासवान हो। सब लोग…वो भीष्म पितामह की भूमिका में विवश है अन्याय के साथ रहने के लिए या जीतन राम मांझी द्रोणाचार्य की भूमिका में विवश हैं अन्याय के साथ रहने के लिए या चिराग पासवान वो उस समय जिस तरह से कर्ण थे जिनका स्वार्थ उनको विवश कर रहा था अन्याय, अधर्म के साथ रहने के लिए वो उस भूमिका में है।
तो इस तरह हमलोग सिखते हैं कि यह तमाम लोग अपने ही हैं लेकिन यह लोग अन्याय, अधर्म के साथ हैं। बिहार में धर्म की स्थापना, न्याय की स्थापना और गरीबों को हक दिलाना है तो जिस तरह युधिष्ठिर ने आकर इंसाफ कायम किया था उसी तरह बिहार में तेजस्वी यादव आने वाले दिनों में होने वाले चुनाव का नेतृत्व संभालेंगे। तब बिहार में न्याय कायम होगा। गरीबों को अधिकार मिल पाएगा और धर्म की स्थापना हो सकेगी।’