क्या प्रशांत किशोर को मरीन ड्राइव पर अनशन की इजाजत मिलेगी? पुलिस ने टेंट लगाने का काम रोका
- एसडीएम, पटना सदर, गौरव कुमार ने कहा कि कुर्जी के पास मरीन ड्राइव के बगल में जन सुराज पार्टी द्वारा अनशन स्थल बनाया जा रहा था। यह सरकारी जमीन है। इस पर किसी प्रकार के कार्यक्रम की अनुमति जरूरी है।
पटना के मरीन ड्राइव के किनारे कुर्जी के पास जनसुराज के प्रशांत किशोर के अमरण अनशन को लेकर पिछले 24 घंटे से कैंप सह अनशन स्थल बनाने का काम चल रहा था, लेकिन रविवार को प्रशासन ने इसपर रोक लगा दी। जिला प्रशासन ने पार्टी को सरकारी जमीन होने की जानकारी देकर आयोजन रोक दिया। हालांकि, प्रशासन की ओर से कोई लिखित जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंच बगैर अनुमति के किसी प्रकार के आयोजन नहीं कराने को कहा है। पार्टी नेताओं ने कैंप बनाने का काम रोक दिया है। उधर, देर शाम जनसुराज की ओर से प्रशासन को पत्र लिखकर आयोजन की अनुमति मांगी गई।
इससे पहले शनिवार शाम को ही कुर्जी के पास कैंप स्थल बनाने के लिए टेंट शामियाना गिरा दिया गया था। जेसीबी से स्थल को समतल किया गया। पार्टी नेताओं का कहना था कि गांधी मैदान से हटाए जाने के बाद अनशन के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए मरीन ड्राइव का चयन किया गया था। इलाके में खेती करने वाले किसानों ने अपनी भूमि होने का दावा किया था। मामले में 2023 में सीओ के स्तर से किसानों को नोटिस दिया गया था।
एसडीएम, पटना सदर, गौरव कुमार ने कहा कि कुर्जी के पास मरीन ड्राइव के बगल में जन सुराज पार्टी द्वारा अनशन स्थल बनाया जा रहा था। यह सरकारी जमीन है। इस पर किसी प्रकार के कार्यक्रम की अनुमति जरूरी है।
अस्पताल से प्रशांत को मिली छुट्टी
पिछले पांच दिनों से प्रशांत किशोर कंकड़बाग स्थित मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती थे। सुधार होने के बाद उन्हें शनिवार की देर शाम डिस्चार्ज कर दिया गया। वहां से वे शेखपुरा स्थित पार्टी के कार्यालय चले गए हैं। पार्टी कार्यालय से वे मरीज ड्राइव स्थित अनशन स्थल पर जाने वाले थे। प्रशासन की ओर से पार्टी के नेताओं को यह जानकारी दी गई कि सरकारी स्थल है और वहां बगैर अनुमति अनशन नहीं किया जा सकता है।
गायत्री महायज्ञ के समय भी प्रशासन ने किया था नोटिस
कुर्जी के जिस स्थल पर जन सुराज पार्टी के द्वारा कैंप या अनशन स्थल बनाया जा रहा है यहां पिछले साल मई में गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया था। उस समय भी प्रशासन की ओर से महायज्ञ के आयोजकों को नोटिस जारी हुआ था। तीन दिवसीय महायज्ञ में देश विदेश से काफी संख्या में श्रद्धालु आए हुए थे।