भूमि सुधार के काम निबटाने में पटना फिसड्डी, जानिए कौन-सा जिला टॉप पर
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जनता के कार्यों को निपटाने से संबंधित ताजा रैंकिंग जारी की है। इसमें पटना जिला सबसे निचले पायदान पर है।

बिहार में भूमि सुधार का काम निबटाने में पटना जिला फिसड्डा साबित हुआ है। इस मामले में शेखपुरा जिला सबसे शीर्ष पर है, तो दूसरे स्थान पर बांका है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से मार्च में जिलों की हुई रैंकिंग से इसका खुलासा हुआ है। चौंकाने वाली बात है कि इस लिस्ट में राजधानी पटना सबसे निचले पायदान पर है। सोमवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा इसकी जानकारी दी गई।
विभाग के अनुसार जहानाबाद लगातार तीसरे स्थान पर बना हुआ है। बक्सर पिछले महीने के 11वें स्थान से छलांग लगाकर चौथे स्थान पर पहुंच गया। वहीं, सुपौल ने भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए 20वें सीधे पांचवें स्थान पर जगह बनाई। विभाग को उम्मीद है कि सभी जिलों के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से संबंधित कार्यों में तेजी आएगी और जनता की समस्याओं का तेज गति से निष्पादन होगा।
विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि राज्य के सभी जिलों के राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों की रैंकिंग हर महीने जारी की जा रही है। मार्च 2025 में जारी की रैंकिंग के अनुसार पहले स्थान पर रहे शेखपुरा को 100 में 87.74 अंक मिले हैं।
रैंकिंग का आधार
विभाग ने इस रैंकिंग के लिए मानक तय किया है। इसके तहत दाखिल- खारिज का पर्यवेक्षण एवं परिमार्जन प्लस का पर्यवेक्षण के लिए 25-25 अंक, अभियान बसेरा-2 के लिए 20 अंक, आधार सीडिंग के लिए पांच, एडीएम और डीसीएलआर कोर्ट के लिए ढाई-ढाई, ई-मापी के लिए 10 और डीएम कोर्ट के लिए 10 अंक तय हैं।
किस जिले को कितने अंक मिले-
बांका को 86.34, जहानाबाद को 76.80, बक्सर को 74.46, सुपौल को 73.63, कैमूर को 73.28, अरवल को 71.99, मुजफ्फरपुर को 71.85, समस्तीपुर को 70.94 और नालंदा को 70.67 अंक मिले हैं। वहीं 57.93 अंक के साथ पटना 38वें स्थान पर है। 58.39 अंक लाकर गया 37वें, 58.68 अंक लाकर लखीसराय 36 वें, 59.09 अंक लाकर पश्चिमी चंपारण 35 वें और 59.14 अंक के साथ खगड़िया 34वें स्थान पर है।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि विभाग हर स्तर पर व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में जुटा है। इसी उद्देश्य से राजस्व से संबंधित सभी अधिकारियों समेत जिलों में हो रहे कार्यों की समीक्षा कर प्रति माह रैंकिंग जारी की जा रही है। इसमें लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।