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Hindi Newsबिहार न्यूज़Patna High Court quashes FIR against Sanjeev Hans IAS Gulab Yadav Ex MLA in a rape case

संजीव हंस और गुलाब यादव के खिलाफ रेप का केस रद्द, हाईकोर्ट से महिला वकील को झटका

  • पटना हाईकोर्ट ने एक महिला वकील के रेप केस में फंसे आईएएस अफसर संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव को बड़ी राहत दे दी है। कोर्ट ने दोनों के खिलाफ दर्ज बलात्कार की प्राथमिकी रद्द कर दी है। दानापुर कोर्ट के आदेश पर यह एफआईआर दर्ज हुआ था।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तानTue, 6 Aug 2024 02:58 PM
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पटना हाईकोर्ट ने एक महिला वकील के रेप केस का सामना कर रहे आईएएस अफसर संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट के जज जस्टिस संदीप कुमार ने दोनों के खिलाफ निचली अदालत के आदेश पर दर्ज बलात्कार केस की प्राथमिकी को रद्द करने का आदेश दिया है। दानापुर कोर्ट के आदेश पर पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह संजीव हंस को ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव पद से हटाकर सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन बिना किसी पोस्टिंग के तैनात कर दिया था। संजीव हंस और गुलाब यादव के ठिकानों पर पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रेड मारा था जिसमें अवैध संपत्ति का पता चलने का दावा किया गया था। ईडी की जांच महिला वकील की शिकायत से शुरू हुई थी जिसने संजीव हंस और गुलाब यादव पर कई बार रेप करने का आरोप लगाया है।

महिला वकील बिहार के औरंगाबाद की रहने वाली हैं और इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करती हैं। महिला ने थाना में FIR दर्ज नहीं होने के बाद 2021 में दानापुर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके आदेश पर पटना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस ने काफी जांच भी कर ली है। महिला का आरोप है कि 2016 में गुलाब यादव ने उन्हें राज्य महिला आयोग का सदस्य बनवाने का झांसा देखर अपने घर बुलाया और रेप किया। 

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महिला की शिकायत के मुताबिक गुलाब यादव ने फिर उन्हें दिल्ली के होटल में बुलाया जहां गुलाब और संजीव हंस ने उनके साथ गैंगरेप किया। महिला ने आरोप लगाया है कि 2016 से 2019 तक गुलाब यादव और संजीव हंस ने दिल्ली और पुणे के कई होटलों में जबरन कई बार संबंध बनाए। महिला ने संजीव हंस और अपने बेटे के डीएनए जांच की भी मांग कोर्ट से की है क्योंकि उसका आरोप है कि संजीव हंस ही उसके बच्चे के पिता हैं।

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संजीव हंस ने इस एफआईआर को पटना हाईकोर्ट और आगे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसी सिलसिल में जस्टिस संदीप कुमार ने एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ महिला वकील ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का ऐलान किया है। संजीव हंस की अपील पहले से सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। 

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महिला वकील ने एक वीडियो बयान जारी कर कहा है- “मेरे बेटे की डीएनए जांच कराने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट में उसी बेंच में लंबित हैं जिसने आज एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया है। अगर इस तरह न्याय किया जाएगा तो लोगों का न्यायपालिका से भरोसा उठ जाएगा। मैं इसे अंतिम सांस तक लड़ूंगी। जब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था तो हाईकोर्ट को यह मामला सुनना नहीं चाहिए था।”

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