बिहार में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, CM नीतीश ने दिया जवाब
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कमजोर वर्ग के बच्चों का निजी स्कूलों में नामांकन कम किये जाने को लेकर विपक्षी दल के सदस्यों ने विधानसभा में वेल में आकर हंगामा किया। विपक्षी सदस्य कुछ समय तक वेल में आकर हंगामा करते रहे।
बिहार में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। बिहार विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी का मुद्दा उठाया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि शिक्षा का अधिकार के तहत निजी स्कूलों में काफी कम नामांकन होता है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कमजोर वर्ग के बच्चों का निजी स्कूलों में नामांकन कम किये जाने को लेकर विपक्षी दल के सदस्यों ने विधानसभा में वेल में आकर हंगामा किया। विपक्षी सदस्य कुछ समय तक वेल में आकर हंगामा करते रहे। इस मुद्दे पर सदन में शोर-शराबा होता देख खुद सीएम नीतीश कुमार को हस्तक्षेप करना पड़ा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद विपक्ष के सदस्य अपनी कुर्सी पर लौट गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई बात है तो लिखकर दीजिए, हम कार्रवाई करेंगे। मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री से कहा कि शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में कमजोर वर्ग के बच्चों के नामांकन स्थिति को देखें और आवश्यक कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हमलोग कमजोर वर्ग के लिए दिन-रात काम करते हैं।
विधानसभा में राजद विधायक ललित यादव ने शिक्षा के अधिकार के तहत प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के 25 फीसदी नामांकन का मुद्दा उठाया। हालांकि, इसपर नीतीश सरकार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने जवाब दिया लेकिन विपक्षी सदस्य मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ। इसके बाद इस मुद्दे पर सदन के अंदर हंगामा होने लगा। विधानसभाध्यक्ष नंद किशोर यादव ने विपक्ष के नेताओं से शांत रहने की अपील भी की लेकिन वो शांत नहीं हुए। विपक्षी विधायक वेल में आ गए और टेबल तक पीटने लगे।
विपक्ष के हंगामे को देखते हुए सीएम नीतीश ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम से जुड़े मसलों पर सरकार काफी गंभीर है। सीएम ने विपक्षी सदस्यों को भरोसा दिलाया कि पूरे मामले की समीक्षा होगी।