बेगूसराय मक्का अनुसंधान केंद्र कर्नाटक ले जा रही सरकार, तेजस्वी ने पूछा- बिहार से क्या दिक्कत है मोदी जी
- बेगूसराय और आस-पास का पूरा इलाका मक्का की बहुत ज्यादा खेती करता है। करीब 83 एकड़ में बने मक्का अनुसंधान केंद्र में मुख्य तौर से बीज उत्पादन होता है। इसमें प्रयोगशालाओं के अलावा, सिंचाई के लिए ट्यूबवेल, कर्मचारियों के लिए आवासीय क्वार्टर, जरुरी उपकरण समेत कई अन्य सुविधाए हैं।
बिहार के बेगूसराय में स्थित मक्का अनुसंधान एवं बीज उत्पादन केंद्र को कर्नाटक शिफ्ट किए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि आखिर बिहार और बिहार के किसानों से क्या दिक्कत है?राजद नेता तेजस्वी यादव ने बेगूसराय मक्का अनुसंधान केंद्र को कर्नाटक शिफ्ट किए जाने से संबंधित केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश की एक कॉपी को अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है।
इसी के साथ तेजस्वी यादव ने लिखा है, 'आखिर बिहार और बिहार के किसानों से क्या दिक्कत है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, NDA और भाजपा को? भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) के बेगूसराय स्थित क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान एवं बीज उत्पादन केंद्र को नरेंद्र मोदी सरकार ने कर्नाटक के शिवमोग्गा में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है। वह भी तब जब नीलगाय और बाढ़ की समस्या का सामना करते हुए भी मक्का उत्पादन में बिहार के अन्नदाता किसान पूरे देश में अव्वल हैं। पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया और समस्तीपुर जिलों के किसानों की आय का मुख्य स्रोत मक्का की खेती ही है। नरेंद्र मोदी सरकार का यह फैसला किसान और बिहार विरोधी है। बिहार के अन्नदाता इसका हिसाब करेंगे।
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूँ क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान एवं बीज उत्पादन केंद्र, कुशमहौत, बेगूसराय की स्थापना 4 मई 1997 को जनता दल के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय लालू प्रसाद जी के नेतृत्व में जनता दल की अगुवाई में बनी संयुक्त मोर्चा सरकार के प्रधानमंत्री स्व॰ श्री इंद्र कुमार गुजराल जी के कार्यकाल में हुआ था। लेकिन एक यह NDA की सरकार है जिसमें नीतीश कुमार सहित तीन अन्य असहाय सहयोगी है जो बिहार में तो कुछ नए संस्थान और उद्योग-धंधे तो स्थापित कर नहीं सकते बल्कि बिहार में पूर्व से स्थापित ऐसे संस्थान जाने पर चीयर करते है। NDA सरकार बिहार और बिहारियों की आँखों में धूल झोंकने का काम कर रही है। दिन-रात, सोते-जागते हिंदू-मुस्लिम करने वाले बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री को शर्म तो आती नहीं है।'
बता दें कि बेगूसराय और आस-पास का पूरा इलाका मक्का की बहुत ज्यादा खेती करता है। करीब 83 एकड़ में बने मक्का अनुसंधान केंद्र में मुख्य तौर से बीज उत्पादन होता है। इसमें प्रयोगशालाओं के अलावा, सिंचाई के लिए ट्यूबवेल, कर्मचारियों के लिए आवासीय क्वार्टर, जरुरी उपकरण समेत कई अन्य सुविधाए हैं।
केंद्र में संयुक्त मोर्चा की सरकार के समय जब स्व. चतुरानन मिश्र केंद्रीय कृषि मंत्री थे तब बेगूसराय (उस वक्त बलिया) के सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह की कोशिशों से यह केंद्र खुला था। एक खास बात यह भी है कि मक्का अनुसंधान एवं बीज उत्पादन केंद्र की वजह से ही बेगूसराय से लेकर किशनगंज तक का इलाका जिसमें कोसी, सीमांचल और मिथिला के 15 जिले आते हैं वो सभी मिलकर देश का करीब 50 फीसदी से ज्यादा मक्का उपजाते हैं।