स्कूलों के निरीक्षण में खानापूर्ति करने वाले अफसर नपेंगे, एस सिद्धार्थ का जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एस सिद्धार्थ ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि स्कूलों के निरीक्षण में खानापूर्ति करने वाले पदाधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
बिहार के सरकारी स्कूलों में निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति करने वाले पदाधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने कहा है कि स्कूलों में निरीक्षण करने वाले पदाधिकारियों की ही यह जिम्मेदारी है कि वह वहां की कमियों को दूर कराएं। कमियां दूर होने तक अनवरत प्रयास करते रहें। अगर कोई पदाधिकारी लापरवाही करते नजर आया, तो उस पर ऐक्शन होगा। इसको लेकर विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बुधवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है।
एसीएस ने जिलाधिकारियों से कहा है कि स्कूलों के निरीक्षण रिपोर्ट कि वह अपने स्तर से भी समीक्षा करेंगे। अगर, वैसी कमियां हैं, जिन्हें दूर करने में उनके स्तर पर दिक्कत आ रही है तो इसका प्रस्ताव विभाग को भेजें। विभाग ने यह भी कहा है कि 6 जून, 2024 से करीब 8 हजार पदाधिकारी-कर्मी राज्य के हर जिले में सभी स्कूलों का नियमित निरीक्षण कर रहे हैं।
इसका उद्देश्य यह है कि सरकारी स्कूलों का संचालन निर्धारित मनाकों के अनुरूप हो रहा है या नहीं। निरीक्षण और मॉनिटरिंग को और प्रभावी बनाने की जरूरत है। इसके तहत शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति, आधारभूत संरचना के साथ शैक्षणिक गतिविधियां आदि की मॉनिटरिंग की जानी है। इससे शैक्षणिक परिवेश में सुधार होगा तथा सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों और बच्चों का आकर्षण भी बढ़ेगा।
जिला उप विकास आयुक्त द्वारा जिले के शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों में पदस्थापित सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को स्कूल मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी जाएगी। हर पदाधिकारी-कर्मी को तीन माह के लिए 10 से 15 स्कूल आवंटन किए जाएंगे। तीन माह तक ये स्कूल उन्हीं की संपूर्ण देखरेख में रहेंगे। राज्य मुख्यालय भी प्रत्येक सप्ताह 10-10 रैंडम स्कूलों की सूची जिलों को भेजता रहेगा, जिसकी जांच उप विकास आयुक्त, वरीय उप समाहर्ता और अनुमंडल पदाधिकारी करेंगे।
विभाग ने कहा है कि राज्यस्तर पर गठित मॉनिटिरिंग कोषांग द्वारा ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर जिला के निरीक्षी पदाधिकारियों द्वारा अपलोड की गयी रिपोर्ट तथा राज्य मुख्यालय-जिलाधिकारी के नोडल पदाधिकारी से प्राप्त रिपोर्ट का मिलान होगा। जांच रिपोर्ट में भिन्नता मिलने पर संबंधित के खिलाफकार्रवाईहोगी।