मानदेय भुगतान तक जारी रहेगा आंदोलन
मुंगेर विश्वविद्यालय के आउटसोर्सिंग कर्मियों ने 7 महीने के बकाए मानदेय भुगतान की मांग को लेकर आंदोलन जारी रखा। उन्होंने विश्वविद्यालय मुख्यालय पर ताला जड़ दिया, जिससे कई अधिकारी और छात्र परेशान हुए।...

मुंगेर, हिन्दुस्तान संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय के आउटसोर्सिंग कर्मियों ने शुक्रवार को भी अपना आंदोलन जारी रखा। साथ ही पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय मुख्यालय पर ताला जड़ दिया। गौरतलब है कि मुंविवि के आउटसोर्सिंग कर्मियों 7 माह के बकाए मानदेय भुगतान की मांग को लेकर दो दिनों से आंदोलन पर हैं। तालाबंदी के कारण घंटों विश्वविद्यालय के कई अधिकारी तथा कर्मचारियों को बाहर ही खड़ा रहना पड़ा। इस दौरान अपने कार्य से विश्वविद्यालय पहुंचे कई विद्यार्थी भी परेशान दिखे। दूसरे दिन आउटसोर्सिंग कर्मियों से कुलपति प्रो. संजय कुमार ने वार्ता की। जिसमें चार माह के मानदेय भुगतान पर सहमति बनी।
लेकिन मानदेय मिलने तक आउटसोर्सिंग कर्मी धरने पर बैठे रहने का निर्णय लिया। धरना पर बैठे आउटसोर्सिंग कर्मियों ने बताया कि विश्वविद्यालय ने सिंडिकेट बैठक में ही 15 अप्रैल तक मानदेय का भुगतान करने का निर्णय लिया था। लेकिन एक माह बाद भी मानदेय का भुगतान नहीं किया। इस बीच नए वित्त पदाधिकारी ने भी पूर्व के चार माह तथा वर्तमान के एक माह के मानदेय भुगतान का आश्वासन दिया। पर अब तक मानदेय का भुगतान भी विश्वविद्यालय ने नहीं किया। उन्होंने बताया कि 17 माह से मानदेय के अभाव में आउटसोर्सिंग कर्मियों के समक्ष आर्थिक तंगी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। विश्वविद्यालय के सभी कार्यों में आउटसोर्सिंग कर्मी पूरे लगन के साथ कार्य करते हैं। आउटसोर्सिंग कर्मियों ने मुंविवि मुख्यालय में जड़ा ताला: मुंगेर विश्वविद्यालय के आउटसोर्सिंग कर्मियों मानदेय भुगतान की मांग को लेकर 15 मई गुरुवार से धरने पर बैठे हुए हैं। इस क्रम में शुक्रवार को अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सुबह 10.30 बजे आउटसोर्सिंग कर्मियों ने विश्वविद्यालय मुख्यालय के मेन गेट पर ताला जड़ दिया। साथ ही विश्वविद्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। इस दौरान कुलसचिव को छोड़कर अन्य अधिकारी बाहर रह गए। इस बीच अपराह्न 01 बजे कुलपति प्रो. संजय कुमार विश्वविद्यालय पहुंचे। जिसके बाद आउटसोर्सिंग कर्मियों ने विश्वविद्यालय मुख्यालय के मुख्य गेट का ताला खोला। मानदेय मिलने तक जारी रहेगा आंदोलन: आउटसोर्सिंग कर्मियों ने बताया कि कुलपति ने दूसरे दिन शुक्रवार को वार्ता को लेकर बुलाएं। उन्होंने कहा कि चार माह के मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा। ऐसे में आउटसोर्सिंग कर्मी धरना समाप्त कर कार्य पर वापस लौट जाएं। लेकिन आउटसोर्सिंग कर्मियों ने निर्णय लिया है कि वार्ता के निर्णय के अनुसार जबतक चार माह के मानदेय का भुगतान नहीं हो जाता है, उन लोगों का आंदोलन जारी रहेगा। कर्मियों ने कहा कि विश्वविद्यालय बार-बार आश्वासन देता है, लेकिन मानदेय का भुगतान नहीं करता है।
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