कमाओगे नहीं तो बच्चे को क्या खिलाओगे, पत्नी के ताने से परेशान पिता ने बेटे को नदी में फेंका; मौत
आरोपी पिता रात को शेखपुरा के लिए चला और रास्ते में किऊल नदी पर बने रेल पुल से पुत्र को उफनती धारा में फेंक दिया। घटना को अंजाम देकर आरोपी पटना अपने रिश्तेदार के घर जाकर छुप गया।
बिहार में पत्नी के तानों से तंग आकर एक व्यक्ति ने अपने सात साल के पुत्र को जिंदा किऊल नदी में फेंक दिया। 21 सितंबर की रात नौ बजे उसने बांका जिले में इस घटना को अंजाम दिया। बुधवार को पुलिस ने सड़ी-गली अवस्था में लखीसराय के विद्यापीठ चौक के समीप नदी से शव बरामद किया । शादी के बाद से दंपती में अनबन रहती थी। इसी से नाराज होकर पिता ने यह कदम उठाया। हालांकि शव की तलाश में किऊल पहुंचे परिजनों ने बताया कि मृगेन्द्र बेरोजगार था।
इस कारण परिजन अक्सर उसे ताना देते थे कि कमाओगे नहीं तो बच्चे को खिलाओगे क्या, पढ़ाओगे कैसे? इस कारण गुस्से में आकर उसने अपने बेटे की जान ले ली। शेखपुरा एसपी बलिराम कुमार चौधरी ने बताया कि आरोपी पिता मृगेंद्र सिंह को पटना से गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में आरोपी ने पुत्र झुलेमन कुमार को नदी में फेंकने की बात स्वीकार की है। आरोपी का अपनी पत्नी वीणा कुमारी से अनबन रहती थी। इस कारण पत्नी मायका मीयन बिगहा में रहती है। जबकि, आरोपी चेवाड़ा थाना के एकाढ़ा गांव का रहने वाला है। शेखोपुरसराय थानाध्यक्ष ने बताया कि कपड़े से शव की पहचान हुई है।
आरोपित मृगेंद्र अपने पुत्र को ससुराल से पढ़ाई कराने का झांसा देकर 20 सितंबर को ले गया था। यहां से पुत्र को लेकर वह लखीसराय अपने रिश्तेदार के पास चला गया। 21 सितंबर की रात को शेखपुरा के लिए चला और रास्ते में किऊल नदी पर बने रेल पुल से पुत्र को उफनती धारा में फेंक दिया। घटना को अंजाम देकर आरोपी पटना अपने रिश्तेदार के घर जाकर छुप गया। 22 सितंबर को फोन कर पत्नी को बताया कि पैर फिसलने से पुत्र नदी में गिर गया है