शहर में सड़क-नाला निर्माण मानसून से पहले पूरा हो वरना बढ़ेगी परेशानी
दरभंगा शहरी क्षेत्र में सड़क और नाला निर्माण में लापरवाही से गड्ढे, जलजमाव और धूल की समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। लोग धीमी गति और मानकों के पालन की कमी पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। निर्माण कार्य में देरी...
दरभंगा शहरी क्षेत्र में जगह-जगह चल रहे सड़क व नाला निर्माण कार्य में लापरवाही बरती जा रही है। इससे सड़कों पर गड्ढे, धूल-गर्द, जलजमाव जैसी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। लोगों का कहना है कि एक तो निर्माण की गति बेहद धीमी है, ऊपर से निर्धारित मापदंडों का भी पालन नहीं हो रहा है। इस वजह से सड़कों पर आवाजाही दुष्कर बनी है। लोग महीनों गुजरने के बावजूद एक भी सड़क या नाला निर्माण पूर्ण नहीं होने पर भी सवाल उठाते हैं। बताते हैं कि एक जगह निर्माण पूरा कर दूसरी जगह काम शुरू करने के बजाय एक साथ दर्जनभर स्थानों पर काम शुरू कर दिया गया है।
इसके कारण शहर के कई हिस्सों से वाहनों का गुजरना मुश्किल हो गया है। पैदल आवाजाही भी लोग कठिनाई से कर रहे हैं। निर्माण के लिए सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर छोड़ दिये गये हैं। आवागमन के लिए वैकल्पिक रास्ता या एप्रोच के अभाव में हादसे हो रहे हैं। शहर के ऐसे हालात से प्रबुद्धजन चिंतित हैं। यूनेस्को क्लब ऑफ दरभंगा के विनोद कुमार पंसारी, मनोरंजन प्रसाद अग्रवाल, सीए कुमार संजय, डॉ. गीतेद्र ठाकुर, डॉ. ब्रजमोहन मिश्र, ललित खेतान, डॉ. आरएन चौरसिया, डॉ. अंजू अग्रवाल, डॉ. बीके मिश्रा आदि बताते हैं कि शहर के रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम की है, फिर भी अधिकारी निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग नहीं कर रहे हैं। इस वजह से कार्यकारी एजेंसी बुडको (बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) व पीडब्ल्यूडी ( लोक निर्माण विभाग) मनमाने अंदाज में काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि निगम के अधिकारियों को निर्धारित समय सीमा के भीतर गुणवत्तापूर्ण निर्माण कराने के लिए यूनेस्को क्लब ज्ञापन देगा। बरसात पूर्व अगर सड़क-नाला निर्माण पूर्ण नहीं होता है तो विषम हालत बन जाएगी। इससे व्यवसायियों, विद्यार्थियों, मरीजों आदि को दिक्कत होगी। उन्होंने बताया कि सीएम साइंस कॉलेज के पास, हसन चौक, दरभंगा टावर, आयकर चौराहा, अलुआ गद्दी, परवा गद्दी, मिर्जापुर चौक से सिद्धुमल के घर तक सड़क व नाला निर्माण अधूरा है। निजी नर्सिंग होम के मरीज व स्वजन परेशान: शहर को स्थायी तौर पर जलजमाव से निजात दिलाने के लिए 270 करोड़ की लागत से स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज का निर्माण हो रहा है। इसे लेकर मदारपुर मोगलपुरा मोहल्ला एवं वीआईपी रोड किनारे दोनार व अललपट्टी में सड़क किनारे जेसीबी से खुदाई कर छोड़ दिया गया है। डॉ. आरबी खेतान, सिद्धुमल, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. आरएनपी सिन्हा, राघवेंद्र कुमार, रतन कुमार खेतान, एसएच अली, राजकुमार मारीवाल आदि बताते हैं कि महीनों गुजरने के बावजूद ड्रेनेज की ढलाई शुरू नहीं हुई है। इसके चलते दोनार व अललपट्टी के दर्जनों निजी नर्सिंग होम में आने वाले मरीजों को धूल-गर्द से गुजरना पड़ता है। साथ ही स्कूली बच्चों एवं स्थानीय लोगों को आने-जाने में कठिनाई हो रही है। उन्होंने बताया कि तेज हवा में धूल को रोकने के लिए निर्माण एजेंसी पानी का भी छिड़काव नहीं कराती है। इस वजह से लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है। जिला व निगम प्रशासन को स्थिति में सुधार की पहल करनी चाहिए।
-बोले जिम्मेदार-
शहरी क्षेत्र में वर्तमान में किये जा रहे निर्माण कार्य की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। संबंधित कर्मचारी को मौके पर भेजकर निर्माण कार्य से संबंधित रिपोर्ट ली जाती है। इसके बावजूद अगर कहीं से शिकायत मिलती है तो संबंधित कर्मचारी से रिपोर्ट लेकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। - रवि अमरनाथ, सिटी मैनेजर
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बुडको को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि बरसात से पूर्व दरभंगा शहर की सभी सड़कों की मरम्मत का काम पूरा कर दिया जाए, ताकि लोगों को आवागमन में किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं हो। अन्य कामों में भी तेजी लाने का निर्देश दिया गया है।
- जीवेश कुमार, मंत्री, नगर विकास व आवास विभाग
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