Hindi Newsबिहार न्यूज़Chhath devotees offered prayers to setting sun 36 hour waterless fast will end tomorrow

छठ व्रतियों ने भक्ति भाव से दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य, कल खत्म होगा 36 घंटे का निर्जला उपवास

पटना समेत पूरे बिहार में छठ व्रतियों ने गुरुवार शाम डूबते हुए सूरज को अर्घ्य देकर अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना की। शुक्रवार सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रती अपना 36 घंटे का निर्जला उपवास पूरा करेंगे।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, पटनाThu, 7 Nov 2024 09:11 PM
share Share

लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन गुरुवार को व्रतियों ने अस्ताचलगामी (डूबते हुए सूर्य) भगवान सूर्य को घृति योग में अर्घ्य दिया। बुधवार शाम को खरना के बाद व्रती निर्जला उपवास पर रहे। गुरुवार की शाम पटना सिटी से लेकर दीघा तक के गंगा घाट पर लोगों शाम में डूबते सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचे। शाम साढ़े चार बजे के बाद व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देने लगे। जबकि पार्क एवं मोहल्लों में मौजूद तालाबों, घरों एवं अपार्टमेंटों की छतों पर पांच बजे के बाद लोगों ने अर्घ्य दिया। डूबते सूर्य को व्रतियों ने फल, चावल के लड्डू, ईख, ड्राई फ्रूट, ठेकुआ, पान का पत्ता, नारियल आदि का भोग अर्पित किया। इस दौरान गंगा घाट से लेकर घरों तक में ‘पहिले पहिल छठ करबो’, ‘रूनकी-झुनकी बेटी मांगिला..’, ‘तू करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी’ जैसे छठ गीतों से माहौल भक्तिमय रहा।

पटना में भीड़ प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन को काफी मशक्कत करना पड़ी। शाम को अर्घ्य देने के लिए व्रती गंगा के घाटों पर दोपहर दो बजे के बाद से ही पहुंचने लगे थे। घाट पर मौजूद पूजा समिति के सदस्यों ने व्रतियों और पूजा के लिए आए श्रद्धालुओं को व्यवस्थित अर्घ्य दिलाने एवं घाट पर कतारबद्ध अर्घ्य दिलाने में काफी मदद की। गंगा नदी घाटों के अलावा शहर के तालाबों और मोहल्लों के पार्कों में भी काफी भीड़ देखने को मिली। छठ गीत गाती परवैतिन और श्रद्धालुओं से माहौल भक्तिमय बना रहा। शाम के अर्घ्य के बाद कई जगहों पर कोसी भरा गया। मिट्टी के हाथी-हाथिन के सामने दिए जलाए गए और ठेकुआ आदि प्रसाद चढ़ाया गया।

कल देंगे उदीयमान सूर्य को अर्घ्य:

चौथे दिन शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे के बद छठ व्रती उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में भगवान भास्कर को को अघ्र्य देंगे। उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के बाद व्रतियों ने घाट की पूजा करेंगे। दीया और हुमाद जलाकर भगवान भास्कर, गंगा मां और छठी मईया का पूजन-अर्चन करेंगे।

ये भी पढ़ें:बिहार के इस कुंड में उमड़े 10 लाख लोग, यहां छठ करने से पूरी होती है मनोकामना

तालाब व पार्कों में भी दिया अर्घ्य :

अस्ताचलगामी सूर्य को घाटों के अलावा शहर के पार्कों और तालाबों में भी अर्घ्य दिया गया। गर्दनीबाग स्थित कच्ची तालाब में छठ व्रतियों के परिवार जगह लेने के लिए दोपहर बाद से ही पहुंचने लगे थे। शाम ढलने के पहले तालाब के आसपास काफी भीड़ देखने को मिली। छठ गीत गाते हुए व्रती अपने परिजनों के साथ तालाब पर अर्घ्य देने पहुंचे। कमोबेश यही हाल माणिकचंद तालाब का भी रहा। शाम पांच बजे के बाद बड़ी संख्या में व्रतियों ने यहां अर्घ्य दिया। बाइपास 90 फीट से सटे विजयनगर चमनचक स्थित देवी मंदिर तालाब में भी व्रतियों की भीड़ देखी गई। इसके अलावा शहर के कई अपार्टमेंटों की छतों पर भी व्रतियों ने रवि को अर्घ्य दिया।

अगला लेखऐप पर पढ़ें