बिहार के इस कुंड में छठ पर उमड़े 10 लाख श्रद्धालु, यहां अर्घ्य देने पर पूरी होती है मनोकामना
बिहार के औरंगाबाद जिले के देव में स्थित सूर्यकुंड में गुरुवार को लगभग 10 लाख लोगों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पर्व मनाया। मान्यता है कि यहां पर छठ पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है।
Chhath Puja: वैसे तो पूरे बिहार में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा धूमधाम से मनाया जा रहा है। मगर औरंगाबाद जिले के देव में छठ महापर्व का महत्व कुछ अलग ही है। यहां गुरुवार को छठ पूजा के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए करीब 10 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। देव के ऐतिहासिक और पवित्र सूर्य कूंड में बड़ी संख्या में छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया। मान्यता है कि यहां पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से हर मनोकामना पूरी होती है।
देव का पूरा इलाका गुरुवार को छठी मैया के भक्तिपूर्ण और कर्णप्रिय गीतों से गुंजायमान रहा। शुक्रवार को छठ व्रती उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर अपने 36 घंटे के निर्जला उपवास का खत्म करेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए औरंगाबाद जिला प्रशासन की ओर से बिजली , पानी स्वास्थ्य सुरक्षा परिवहन आवासन आदि के बेहतर प्रबंध किए गए हैं। पूरे मेला क्षेत्र और मंदिर परिसर में सुरक्षा के दृष्टिकोण से बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री और पुलिस अधीक्षक अंबरीष राहुल मेला क्षेत्र में कैंप किए हुए हैं। देश के विभिन्न राज्यों और बिहार-झारखंड के कोने-कोने से अब तक करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के देव पहुंचने का अनुमान है।लोक मान्यता है कि देव में छठ व्रत करने से इस अवसर पर भगवान सूर्यदेव की साक्षात उपस्थित की रोमांचक अनुभूति होती है और यहां के पौराणिक सूर्यकुंड में अर्घ्य अर्पित करने से मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति होती है।
औरंगाबाद के देव को सूर्य नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां छठ पूजा करने के लिए हर साल दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। जिन लोगों को संतान प्राप्ति और अन्य कामना पूरी होती है, वे भी यहां आकर छठ पूजा करते हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)