भागलपुर में काली पूजा विसर्जन में बवाल; दो गुटों के बीच झड़प, मंच पर लहराई तलवार
पुरानी पूजा समिति के अध्यक्ष और बाद में बनी महासमिति के अध्यक्ष के बीच धक्का-मुक्की हो गई। इसके बाद परबत्ती पूजा समिति के लोग मंच पर चढ़ गए। मंच पर ही तलवार भी लहरायी।
बिहार के भागलपुर में काली पूजा विसर्जन के दौरान बवाल हो गया। परबत्ती की काली प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा स्टेशन चौक पहुंचते ही हंगामा हो गया। दरअसल, परबत्ती काली पूजा समिति और बाद में बनी केन्द्रीय काली पूजा महासमिति के लोगों को इस बात पर आपत्ति थी कि परबत्ती पूजा समिति के लोगों को मंच से पुरानी समिति के पदाधिकारी ने असामाजिक तत्व कह दिया था। इसी बात का विरोध होने लगा।
पुरानी पूजा समिति के अध्यक्ष और बाद में बनी महासमिति के अध्यक्ष के बीच धक्का-मुक्की हो गई। इसके बाद परबत्ती पूजा समिति के लोग मंच पर चढ़ गए। मंच पर ही तलवार भी लहरायी। स्थिति यह हो गई कि मंच पर मौजूद मेयर डा. बसुंधरा लाल, पार्षद डा. प्रीति शेखर सहित अन्य लोग किनारे हो गए। पूर्व मेयर डा. वीणा यादव भीड़ को समझातीं रहीं। इस भगदड़ में वहां कई गाड़ियां गिर गई। लोग इधर-उधर भागने में गिर भी गए। कुछ लोगों को चोटें भी आयी। वहां पुलिसकर्मी मौजूद थे लेकिन हंगामा के दौरान कोई सामने नहीं आए। बाद में पुलिस अधिकारियों की दो गाड़ी पहुंची। परबत्ती पूजा समिति के लोगों ने माइक लेकर भीड़ के सामने कहा है कि परबत्ती की पूजा समिति है तो महासमिति है, नहीं तो नहीं है।
तातारपुर चौक पर मौजूद रहे डीएम और एसएसपी
काली प्रतिमा विसर्जन के लिए सुरक्षा के भी कड़े प्रबंधन किए गए हैं। डीएम डा. नवल किशोर चौधरी और एसएसपी आनंद कुमार स्वयं तातारपुर चौक पर मौजूद रहे। परबत्ती की प्रतिमा पहुंचने से पहले ही रात 11.20 बजे डीएम और एसएसपी तातारपुर चौक पहुंच गए थे। वहां शांति समिति के सदस्य और काली पूजा महासमिति के सदस्य भी मौजूद रहे। डीएम और एसएसपी ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। वहीं देर रात जवारीपुर में प्रतिमा जुलूस निकालने को लेकर विवाद हो गया।
धार्मिक स्थल पर चढ़ा युवक, पुलिस ने उतारा
विसर्जन के दौरान बिजली का तार हटाने के क्रम में एक युवक हाथ में झंडा लिए ललमटिया थाना क्षेत्र स्थित एक धार्मिक स्थल पर ऊपर चढ़ गया। इसकी वजह से थोड़ी अफरा तफरी हुई लेकिन पुलिस, पूजा समिति और शांति समिति के सदस्यों ने युवक को तुरंत उतार दिया। वहीं, सूचना पर एक पक्ष के लोग मेदनीनगर चौक पर जमा हो गए। प्र्रशासन ने उसे देखते हुए शोभा यात्रा को थाना चौक पर रोक दिया। शांति समिति की पहल पर रात 1 बजे विसर्जन शुरू हुआ।