बिहार की इन पांच भाषाओं का मनेगा महोत्सव, सरकार से 208 इवेंट की सूची जारी; पूरी डिटेल पढ़ें
बज्जिका समेत बिहार की पांच भाषाओं का महोत्सव मनाया जाएगा। कला संस्कृति विभाग ने ऐसा निर्देश जारी किया है। मुजफ्फरपुर में पहलीबार बज्जिका महोत्सव होगा। बिहार की पांच प्रचलित भाषाओं का महोत्सव मनाने के लिए जिलों का निर्धारण किया गया है।
बज्जिका समेत बिहार की पांच भाषाओं का महोत्सव मनाया जाएगा। कला संस्कृति विभाग ने ऐसा निर्देश जारी किया है। मुजफ्फरपुर में पहलीबार बज्जिका महोत्सव होगा। बिहार की पांच प्रचलित भाषाओं का महोत्सव मनाने के लिए जिलों का निर्धारण किया गया है। इसके तहत मुजफ्फरपुर में बज्जिका, भागलपुर में अंगिका, नवादा में मगही, आरा में भोजपुरी और दरभंगा में मैथिली का महोत्सव मनाया जाएगा। अगले साल से रोटेशन के आधार पर यह महोत्सव मनाया जाएगा।
जिलों के बाद इन पांच भाषाओं पर एक कार्यक्रम पंचामृत राज्य स्तर पर किया जाएगा। इसके साथ ही, कला संस्कृति विभाग की ओर से विभिन्न जिलों में कई नए आयोजन भी होंगे। मुजफ्फरपुर में हर वर्ष वीर बालक, रामवृक्ष बेनीपुरी, जानकी वल्लभ शास्त्री महोत्सव का आयोजन होगा। जिला प्रशासन स्थानीय समितियों से मिलकर इसकी तिथि तय करेगा। सांस्कृतिक कार्य निदेशक रुबी ने निर्देश दिया है कि समय-समय पर अन्य राज्यों, पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र कोलकाता, सांस्कृतिक केन्द्र इलाहाबाद आदि का सहयोग भी कार्यक्रमों के आयोजन में लिया जाएगा।
कुल 208 आयोजन-महोत्सव की सूची की जारी
कला संस्कृति विभाग ने पांच भाषा महोत्सव के अलावा सूबे के सभी जिलों में कुल 208 आयोजन-महोत्सव की सूची जारी की है। औरगांबाद में सूर्य महोत्सव, लखीसराय में अशोकधाम महोत्सव, जलप्पा स्थान महोत्सव जैसे नए महोत्सव शामिल किए गए हैं। मधुबनी में अन्य उत्सवों के साथ ही जगदंबा देवी उत्सव, महासुंदरी देवी उत्सव होगा। इन उत्सवों के आयोजन का जिम्मा जिला प्रशासन को दिया गया है। बिहार संगीत नाटक अकादमी को विंध्यवासिनी देवी उत्सव, शाद अजीमाबादी उत्सव समेत अन्य का जिम्मा दिया गया है।
उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी चलेगा सांस्कृतिक कार्यक्रम
मुजफ्फरपुर, जमुई, बांका, गया और औरगांबाद में अलग से सांस्कृतिक कार्यक्रम की सूची जारी की गई है। इसमें आपकी सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम होगा। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में यह सांस्कृतिक कार्यक्रम चलाना है। सभी जिलों में आम्रपाली प्रशिक्षण केन्द्र स्थापना दिवस भी मनाया जाएगा। लंबे समय से बज्जिकांचल संघर्ष समिति बज्जिका महोत्सव की मांग कर रही थी। समिति की जिला अध्यक्ष उषा किरण ने बताया कि यह पूरे बज्जिकांचल के लिए गौरव की बात है। हमलोगों की ओर से 21-22 दिसम्बर को इस महोत्सव को कराने का प्रस्ताव दिया जा रहा है।