पहले कहा हमारे नेता हैं और रहेंगे, अब भारत रत्न भी मांग लिया; नीतीश पर फिदा हो रहे गिरिराज सिंह!
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग की है। जेडीयू के नेता और कार्यकर्ता पूर्व में यह मांग कर चुके हैं, लेकिन पहली बार बीजेपी के किसी बड़े नेता ने नीतीश के लिए भारत रत्न मांगा है।
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने की मांग की है। नीतीश को लेकर गिरिराज का नजरिया हाल के दिनों में कुछ बदला हुआ नजर आ रहा है। दो दिन पहले बिहार बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि नीतीश ही हमारे नेता हैं और आगे भी रहेंगे। इसमें कोई संशय नहीं है। दूसरी ओर, नीतीश जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष भी हैं। जेडीयू के नेता अक्सर यह मांग उठाते आए हैं, लेकिन पहली बार बीजेपी के किसी बड़े नेता ने नीतीश के लिए भारत रत्न मांगा है।
गिरिराज सिंह ने बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में मीडिया से बातचीत में कहा, 'आज के बच्चे जो 30 साल के हो गए हैं उन्होंने लालू का जंगलराज, जर्जर हालत में मौजूद अस्पताल, सड़के और स्कूलों को नहीं देखा। जो स्थिति थी उसको आज नीतीश कुमार ने एक ऊंचाई पर ले जाने का काम किया है। ओडिशा में नवीन पटनायक ने भी बरसों तक सेवा की है। ऐसे व्यक्ति को देश में पुरस्कृत करने की आवश्यकता है चाहे जिस भी पद से नवाजा जाए। भारत रत्न जैसी चीजों से नवाजा जाए।'
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने यह भी भरोसा जताया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर एनडीए की ही सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इतने साल से बिहार के सीएम हैं लिहाजा उन्हें पुरस्कृत किया जाना चाहिए। उन्हें भारत रत्न दिया जाए। गिरिराज सिंह ने यह भी कहा कि लालू प्रसाद यादव चाहे कितनी भी कोशिश कर लें लेकिन अब कोई उनकी बात नहीं सुनने वाला है। कोई उनके झांसे में नहीं आएगा।
बांग्लादेशी घुसपैठ पर कही यह बात…
बांग्लादेशी घुसपैठियों पर सांसद ने कहा कि अब समय आ गया है कि बांग्लादेशियों को समाज भी चिन्हित करे और सरकार भी चिन्हित करे। उनकी पहचान कर उन्हें सरकार को सौंपना चाहिए और उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए। बांग्लादेशियों से बिहार के कई जिलों को खतरा है। सांसद ने यह भी कहा कि सीमा पर बने अवैध मस्जिदों की भी पहचान किए जाने की जरुरत है।