बिहार कैडर के IPS विवेक कुमार को बड़ी राहत, वापस होगा भ्रष्टाचार का केस; क्या है मामला?
मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार व अन्य के खिलाफ 15 अप्रैल 2018 को निगरानी थाना इकाई पटना में आय से अधिक संपत्ति को लेकर केस दर्ज किया गया था। उस वक्त वह मुजफ्फरपुर के एसएसपी थे। निगरानी टीम ने उनके सरकारी आवास पर छापेमारी भी की थी।
बिहार कैडर के 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी विवेक कुमार को सरकार से भ्रष्टाचार के एक मामले में बड़ी राहत मिली है। सरकार ने उनके खिलाफ निगरानी थाना इकाई में दर्ज केस वापस लेने की सहमति दी है। इसके बाद सरकार के संयुक्त सचिव रामाशंकर ने निगरानी न्यायालय पटना के विशेष लोक अभियोजक को पत्र लिखकर दर्ज केस नियमानुसार वापस लेने का आग्रह किया है। माना जा रहा है कि जल्द ही विवेक कुमार को तमाम आरोपों से छुटकारा मिल जाएगा।
मालूम हो कि मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार व अन्य के खिलाफ 15 अप्रैल 2018 को निगरानी थाना इकाई पटना में आय से अधिक संपत्ति को लेकर केस दर्ज किया गया था। उस वक्त वह मुजफ्फरपुर के एसएसपी थे। निगरानी टीम ने उनके सरकारी आवास पर छापेमारी भी की थी। आईपीएस के सरकारी आवास पर चार दिनों की मैराथन छापेमारी चली। हालांकि इस दौरान निगरानी टीम कुछ खास हासिल नहीं कर पाई। लेकिन उनके आवास से एक अवैध हथियार मिला था। विवेक कुमार के संबंधियों के घर और ठिकानों को भी टारगेट किया गया था।
विवेक कुमार 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और फिलहाल वह पुलिस अधीक्षक विधि व्यवस्था मुख्यालय के पद पर हैं। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए आवेदन दिया था, जिसमें अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताते हुए सरकार के समक्ष तथ्य प्रस्तुत किया था।
फरवरी में बंद हुई थी विभागीय कार्यवाही
गृह विभाग ने विवेक कुमार के पक्ष को लेकर विधि विभाग के माध्यम से महाधिवक्ता से कानूनी सलाह मांगी थी। महाधिवक्ता से कानूनी सलाह मिलने के बाद सरकार ने विवेक कुमार पर निगरानी थाना इकाई में दर्ज केस को वापस लेने पर सहमति दी है। गृह विभाग ने फरवरी 2024 में उन्हें क्लीन चिट देते हुए विभागीय कार्रवाही बंद करने का आदेश दिया था। उसके बाद केस वापस लेने की प्रक्रिया चल रही है।
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