खरीफ फसल के लिए खेत को तैयार करें किसान:कृषि वैज्ञानिक
अगले चार दिनों के मौसम पूर्वानुमान में तेज हवा के साथ हल्की बारिश की संभावना... मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है । कभी सुबह से तेज धूप हो रही है तो कभी तेज हवा चलने के बावजूद लोग

सिंघौल, निज संवाददाता। मई माह में शुरू से ही मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है । कभी सुबह से तेज धूप हो रही है तो कभी तेज हवा चलने के बावजूद लोग पसीने से तरबतर हो रहे हैं। वहीं मई माह में अब तक कई बार हल्की बारिश भी हो चुकी है। ऐसे में पूसा स्थित मौसम विज्ञान विभाग की ओर से अगले चार दिनों के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल देखे जा सकते हैं। 18 मई के आसपास मौसम में बदलाव आने की सम्भावना है। इसके कारण अनेक स्थानों पर बूंदा बूंदी या हल्की वर्षा की सम्भावना बन सकती है।
वर्षा के दौरान मेघ गर्जन एवं तेज हवा भी चल सकती है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 25-28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 18 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चलने का अनुमान है। जबकि सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 80 से 95 प्रतिशत तथा दोपहर में 30 से 35 प्रतिशत रहने की संभावना है। किसानों के लिए समसामयिक सुझाव अगले 24 घंटे में वर्षों की संभावना को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए समसामयिक सुझाव जारी किये हैं। इसके अनुसार जिन किसान माईयों का अभी मक्का तथा अरहर की कटाई एवं दौनी नहीं कर पायें हो वैसे किसान अविलंब कटाई एवं दौनी का कार्य संपन्न करके दानों को सुरक्षित स्थानों पर भंडारित कर लें। जिन किसान भाई का खेत खाली है तथा वे खरीफ धान की नर्सरी समय से लगाना चाहते हैं तो खेत की तैयारी शुरू कर दें। स्वस्थ पौध के लिए र्नसरी में सड़ी हुई गोबर की खाद का व्यवहार करें। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई हेतु 800-1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बीज गिरावें। नर्सरी में क्यारी की चौडाई 1.25-1.5 मीटर तथा लम्बाई सुविधा अनुसार रखें। बीज की व्यवस्था प्रमाणित स्त्रोत से करें। देर से पकने वाली किस्मों की नर्सरी 25 मई से लगा सकते हैं। लम्बी अवधि वाले धान की किस्में जैसे-राजश्री, राजेन्द्र मंसुरी, राजेन्द्र स्वेता, किशोरी, स्वर्णा, स्वर्णा सब-1, वीपीटी-5204 एवं सत्यम की नर्सरी 25 मई से लगा सकते हैं। हल्दी की बुआई के लिए मौसम अनुकूल है। हल्दी की किस्म राजेन्द्र सोनिया, राजेन्द्र सोनाली उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित है। खेत की जुताई में 25 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद, नेत्रजन 60 से 75 किलोग्राम, स्फूर 50 से 60 किलोग्राम, गोहारा 100 से 120 किलोग्राम एवं जिंक सल्फेट 20 से 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करे। हल्दी के लिए बीज यर 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रखें। बीज प्रकन्द का आकार 30-35 ग्राम जिसमें 4 से 5 स्वस्थ कलियों हो। रोपाई की दूरी 30 गुना 20 सेंटीमीटर तथा गहराई 5 से 6 सीएम रखे। अच्छे उपज के लिए 2.5 ग्राम इन्डोफिल 45 0.1 प्रतिशत बेविस्टीन प्रति किलोग्राम बीज की दर से घोल बनाकर उसमें आधा घंटे तक उपचारित करने के बाद बुआई करे। बीज की व्यवस्था प्रनाणित स्त्रोत से करें।
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