बिहार की 25000 किमी ग्रामीण सड़कें होंगी चकाचक, 2 हजार KM रोड बनेगी डबल लेन, नीतीश सरकार का फैसला
राज्य की 25 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का पुनर्निर्माण और नवीनीकरण किया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल द्वारा पारित नयी नीति के तहत पथों का 7 वर्षों के लिए मेन्टेनेंस किया जाएगा। इस दौरान उनका दो बार कालीकरण किया जाएगा। साथ ही राज्य की दो हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कें और चौड़ी होंगी
सूबे की 25 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का पुनर्निर्माण, उन्नयन व नवीनीकरण किया जाएगा। यह फैसला राज्य सरकार ने लिया है। साथ ही, राज्यभर के लोग अब अपने इलाके की ग्रामीण सड़कों की जानकारी एप के माध्यम से ले सकेंगे। एप में हर प्रखंड की ग्रामीण सड़कों की पूरी स्थिति की जानकारी रहेगी। इसमें सभी प्रखंडों की सड़कों के नाम रहेंगे। कोई व्यक्ति एप पर जाकर उन सड़कों के बारे में जानकारी पा सकेगा। अगले 15 दिनों में यह एप काम करने लगेगा।
शुक्रवार को सूचना भवन में ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये सड़कें कुल निर्मित 1.17 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कों में से पांच वर्षीय अनुरक्षण अवधि से बाहर हैं। साथ ही रूटीन अनुरक्षण के लिए स्वीकृति को लंबित हैं। राज्य मंत्रिमंडल द्वारा पारित नयी नीति के तहत पथों का दीर्घकालीन अवधि अर्थात 7 वर्षों के लिए मेन्टेनेंस किया जाएगा। इस दौरान उनका दो बार कालीकरण किया जाएगा। संबंधित एजेंसियों को रैपिड रिस्पांस वाहन रखना अनिवार्य होगा। ताकि कोई पथ खराब होने पर तत्काल वहां उसकी मरम्मत की जा सके। इससे कोई सड़क टूटी नहीं रहेंगी और समय पर उनकी मरम्मत सुनिश्चित हो सकेगी।
यही नहीं मुख्यमंत्री के 5 घंटे में राजधानी पटना पहुंचने के सपने को साकार करने की दिशा में यह बड़ी पहल है। दूसरी ओर राज्य की दो हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कें और चौड़ी होंगी। इनको कम से कम दो लेन का बनाया जाएगा। चौड़ी होने वाली वैसी सड़कें हैं जो ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांरित हुई हैं। इस मद में 30 हजार करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है। अगले पांच साल में इसे पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। राज्य की दो हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कें और चौड़ी होंगी। इनको कम से कम दो लेन का बनाया जाएगा। चौड़ी होने वाली वैसी सड़कें हैं जो ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांरित हुई हैं। इस मद में 30 हजार करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है।
पथ निर्माण विभाग ने अगले पांच साल में इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा के अलावा इलाके में यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए ग्रामीण कार्य विभाग पथ निर्माण विभाग को ग्रामीण सड़क हस्तांरित करता रहा है। आलम यह है कि हाट-कस्बों व अन्य महत्वूपर्ण स्थानों को जोड़ने वाली इन सड़कों पर जाम की स्थिति भी है। इस आलोक में पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विभागीय समीक्षा बैठक की। इसमें तय हुआ कि ग्रामीण कार्य विभाग से मिली दो हजार किलोमीटर सड़कों को कम से कम डबल लेन बनाया जाए।
प्रस्तावित कार्ययोजना के अनुसार सड़कों की प्राथमिकता सूची बनेगी। चरणवार तरीके से पांच साल में सभी सड़कों को डबल लेन करना है। पहले चरण में वे सड़के चौड़ी होगी जिसमें जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं के बराबर होगी। दूसरे चरण में उनको डबल लेन करना है जिसमें आंशिक तौर पर जमीन अधिग्रहण चाहिए। अंतिम चरण में उनको डबल लेन करना है जिसकी चौड़ाई बढ़ाने के लिए शत-प्रतिशत जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता होगी। इसके लिए 30 हजार करोड़ से अधिक राशि चाहिए। पथ निर्माण की ओर से तैयार सड़कों की भी मरम्मत की जरूरत है। इसके लिए भी 20 हजार करोड़ चाहिए।