BMW डीलर को झटका! आयोग ने दिया ग्राहक को ₹5.42 लाख वापस करने का आदेश, ये है मामला
चंडीगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने BMW इंडिया के डीलर कृष्णा ऑटोमोबाइल्स को झटका दिया है। आयोग ने ग्राहक को 5.42 लाख रुपये वापस करने का आदेश दिया है। आइए इसे जरा विस्तार से समझते हैं।
चंडीगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने BMW इंडिया के डीलर कृष्णा ऑटोमोबाइल्स को पवन कुमार गोयल को 5.42 लाख रुपये वापस करने का आदेश दिया है। गोयल ने अपनी BMW 730 LD की खराब हुई एयर सस्पेंशन की मरम्मत के लिए यह राशि चुकाई थी। यह आदेश जिला आयोग के पिछले आदेश में संशोधन करता है और जर्मन कार निर्माता और उसके डीलर दोनों की अपील को खारिज करता है।
गोयल ने 8 साल पहले कृष्णा ऑटोमोबाइल्स से अपनी BMW 730 LD खरीदी थी। अब तक इस कार ने 60,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर ली है। पिछले 4 सालों से उन्हें अपनी कार के मालिक होने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि डीलर ने उन्हें 6 जुलाई 2016 को BSI प्लस और एक्सटेंडेड वारंटी पैकेज' के रूप में एक ईमेल के माध्यम से एक एक्सटेंडेड वारंटी पैकेज भेजा था। उन्होंने 3.7 लाख रुपये देकर इसे खरीदा था।
BSI प्लस (BMW सर्विस इन्क्लूसिव) एक सर्विस पैकेज है, जो बीएमडब्ल्यू कारों और एसयूवी के मेंटेनेंस और वियर एंड टियर वाली वस्तुओं को कवर करता है। इसे चुनने से लागत को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी। खासकर अगर आपके पास पुराना मॉडल है। पैकेज में महत्वपूर्ण पार्ट्स का रिप्लेसमेंट शामिल है। इसमें फ्रंट और रियर ब्रेक पैड, फ्रंट और रियर ब्रेक डिस्क, क्लच और वाइपर ब्लेड सभी पैकेज में शामिल हैं।
हालांकि, शिकायतकर्ता ने मई 2020 में रियर सस्पेंशन की समस्या की सूचना दी है। निरीक्षण करने पर डीलर के टेक्नीशियन ने पाया कि यह समस्या सस्पेंशन के खराब एयर सप्लाई पंप के कारण आई थी। गोयल का मानना था कि यह उनके द्वारा खरीदी गई वारंटी में आता है। हालांकि, उन्हें जल्द ही खराब पार्ट की मरम्मत और बदलने के लिए 4.67 लाख रुपये का कोटेशन भेजा गया।
शिकायतकर्ता ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए डीलर अधिकारियों को एक ईमेल भेजा, जिसमें समस्या का विस्तार से वर्णन किया गया था। उन्होंने बीएमडब्ल्यू इंडिया और डीलर से अनुरोध किया कि वे इसे वारंटी के तहत ठीक करवाएं। लेकिन, उन्हें कथित तौर पर बताया गया कि पुर्जे वारंटी के अंतर्गत नहीं आते हैं और इसके लिए अतिरिक्त शुल्क लगेगा। इसके बाद गोयल मामले को जिला आयोग में ले गए।
BMW ने जवाब में कहा कि एक्सटेंडे वारंटी पॉलिसी अगस्त 2016 में खरीदी गई थी, जबकि कार सितंबर 2011 में खरीदी गई थी। कार के मालिक ने 5वें साल में अपने 7 सीरीज में सर्विस पैकेज जोड़ा था। बयान में आगे कहा गया है कि सर्विस-इंक्लूडेड वारंटी मालिक के छठे साल सितंबर 2017 में समाप्त हो जाएगी। निर्माता ने आगे कहा कि मई 2020 में समस्या उठाई गई थी, एक्सटेंडेड वारंटी की समाप्ति के काफी बाद। इस प्रकार यह उसी के अंतर्गत कवर नहीं किया जाएगा।
डीलर पार्टनर ने यह भी कहा कि वाहन एक फर्म के नाम पर खरीदा गया था और एक कॉमर्शियल यूनिट है। कार का चालान और पंजीकरण फर्म के नाम पर जारी किया गया था, इस बात पर जोर देते हुए कि लेनदेन कॉमर्शियल एक्टिविटी से संबंधित है। वारंटी पीरियड 7 सितंबर 2016 को समाप्त हो गई थी। उन्होंने आगे कहा कि शिकायतकर्ता ने स्पष्ट कारणों से इन डिटेल्स का खुलासा नहीं किया और इस प्रकार एक्सटेंडेड वारंटी पैक से लाभान्वित होने के लिए पात्र नहीं होगा।
जिला आयोग ने डीलर को खराब पार्ट्स की मरम्मत और बदलने और मुआवजे के रूप में 25,000 रुपये और मुकदमे की लागत के रूप में अतिरिक्त 10,000 का भुगतान करने का निर्देश दिया।
हालांकि, यह ऐसा कुछ नहीं था, जिससे कोई भी पक्ष खुश होता। दोनों ने विरोध किया और बेहतर फैसले की उम्मीद में राज्य आयोग चले गए। गोयल ने संशोधन की मांग करते हुए और बेहतर मुआवजे की मांग करते हुए अपील दायर की। राज्य आयोग ने मामले को सुना और कहा कि केवल एक साल के लिए वैलिड एक्सटेंडेड वारंटी के लिए 3.74 लाख रुपये का भुगतान करना संदेहास्पद होगा। हालांकि, यह वाहन की वारंटी समाप्त होने के बाद प्रभावी होगा। इस प्रकार कार ने खराबी का पता चलने के समय एक्सटेंडेड वारंटी से कवरेज का आनंद लिया।
आयोग ने निष्कर्ष निकाला कि पिछले फैसले में संशोधन की आवश्यकता है। कृष्णा ऑटोमोबाइल्स को पवन कुमार गोयल को 5,42,00,000 रुपये का रिफंड जारी करने और वाहन को ठीक करवाने के साथ-साथ 35,000 रुपये मुआवजे और 20,000 रुपये मुकदमे की लागत का भुगतान करने के लिए कहा गया।
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