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आ गया गजब का स्टीकर, इसका QR कोड स्कैन करते ही खुल जाएगी कार की पूरी पोल! सेफ्टी की हर डिटेल पता चल जाएगी

  • देश के अंदर बिक रही कारों को सेफ्टी रेटिंग देने वाली भारतीय एजेंसी भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (BNCAP) ने कारों के लिए सेफ्टी रेटिंग स्टीकर लॉन्च किया है। इस स्टीकर की मदद से ग्राहक उस कार से जुड़ी सभी सेफ्टी की डिटेल को जान पाएंगे।

Narendra Jijhontiya लाइव हिन्दुस्तानSat, 31 Aug 2024 08:27 AM
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देश के अंदर बिक रही कारों को सेफ्टी रेटिंग देने वाली भारतीय एजेंसी भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (BNCAP) ने कारों के लिए सेफ्टी रेटिंग स्टीकर लॉन्च किया है। इस स्टीकर की मदद से ग्राहक उस कार से जुड़ी सभी सेफ्टी की डिटेल को जान पाएंगे। कार के क्रैश टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद इस स्टीकर को उसके बेचे जाने वाले मॉडल पर लगाया जाएगा। इस स्टीकर पर एक QR कोड मिलेगा। इसे स्कैन करके ग्राहक को उसकी सेफ्टी रेटिंग और फीचर्स के बारे में पूरी जानकारी पता चल जाएगी। चलिए इसके बारे में डिटेल से जानते हैं।

ऐसे मिलेगा किसी कार को सेफ्टी स्टीकर
भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (BNCAP) में देश की कई कारों की टेस्टिंग चल रही है। वहीं, कई कारों की टेस्टिंग हो चुकी है। इस लिस्ट में टाटा सफारी, हैरियर, नेक्सन ईवी और पंच ईवी शामिल हैं। इन मॉडलों को एडल्ट और चाइल्ड पैसेंजर दोनों की सेफ्टी के लिए 5-स्टार रेटिंग दी गई है। जब किसी भी कार का क्रैश टेस्ट पूरा हो जाएगा, तब उसकी डिटेल को एक QR कोड में फाइल कर दिया जाएगा। ऐसे में ग्राहक कार लेते समय उस QR कोड को स्कैन करके इस डिटेल के देख पाएंगे। इन स्टीकर में मैन्यूफैक्चरर का नाम, व्हीकल या मॉडल का नाम, क्रैश टेस्ट की तारीख और एडल्ट और चाइल्ड दोनों के लिए सेफ्टी स्टार रेटिंग शामिल होगी।

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क्या है NCAP क्रैश टेस्ट, कैसे होता है?
भारत में कार बेचने वाली सभी कंपनियों के लगभग सभी मॉडल का NCAP द्वारा क्रैश टेस्ट किया जाता है। टेस्ट के दौरान गाड़ी को तय स्पीड पर किसी ऑब्जेक्ट के साथ टकराया जाता है। इस टेस्ट के लिए कार में डमी का इस्तेमाल किया जाता है। डमी इंसान के जैसी होती है। टेस्ट के दौरान कार में 4 से 5 डमी का इस्तेमाल किया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है। क्रैश टेस्ट के बाद कार के एयरबैग ने काम किया या नहीं? डमी कितनी डैमेज हुई? कार के सेफ्टी फीचर्स ने कितना काम किया? इन सब के आधार पर रेटिंग दी जाती है। ये भी देखा जाता है कि कार में एडल्ट और बच्चे कितने सुरक्षित रहे।

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Bharat NCAP ऐसे काम करेगा

>> किसी कार को इस टेस्ट का हिस्सा बनाने के लिए मैन्युफैक्चर को व्हीकल मॉडल नॉमीनेट कराना होगा। Bharat NCAP टीम उस व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग फेसिलिटी का दौरा करेगी। टीम उस मॉडल बेस वैरिएंट को सिलेक्ट करेगी। उस सिलेक्ट किए गए व्हीकल को Bharat NCAP टेस्टिंग सेंटर में भेजा जाएगा। सिलेक्ट वैरिएंट का क्रैश टेस्ट की प्रोसेस को कार मैन्युफैक्चर और Bharat NCAP टीम के प्रतिनिधि के सामने किया जाएगा।

>> टेस्ट के रिजल्ट को कम्पायल्ड किया जाएगा। Bharat NCAP स्टैंडिंग कमेटी की मंजूरी के बाद कार कंपनी के साथ डिटेल को शेयर किया जाएगा। स्थाई कमेटी की मंजूरी के बाद उस गाड़ी की स्टार रेटिंग और क्रैश टेस्ट रिजल्ट Bharat NCAP द्वारा पब्लिश किया जाएगा। साथ ही, इसका सर्टिफिकेट केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान (CIRT) द्वारा जारी किया जाएगा।

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