Amla Navami puja vidhi: आवंला नवमी के दिन पूजन कैसे करें
Amla Navami puja vidhi :कार्तिक मास की नवमी की तिथि को आंवला नवमी कहते हैं। इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान शिव और विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन घर में आंवले की खास पूजा की जातीहै।
कार्तिक मास की नवमी की तिथि को आंवला नवमी कहते हैं। इस साल आंवला नवमी 10 नवंबर को है। इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान शिव और विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन घर में आंवले की खास पूजा की जातीहै। इस दिन सबसे पहले आंवले के पेड़ को पहले अच्छे से पीले रंग की हल्दी से रंग लें। इस दिन चौक पूरकर उस पर आंवले का पेड़ रख दें। इस दिन खास तौर पर आंवला भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे विष्णु जी की मूर्ति और शिवलिंग स्थापित करें। इस पेड़ में कच्चा दूध आंवले और भगवान विष्णु और शिव जी को भी कच्चा दूध अर्पित करें। भगवान को जनेऊ अर्पित करें। चंदन से तिलक लगाकर जनेऊ अर्पित करें और आरती उतारें। इस दिन लक्ष्मी माता की भी पूजा की जाती है और मां लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए विभिन्न उपाय किए जाते हैं।
मां लक्ष्मी की प्राप्ति के उपाय
मां लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए इस दिन आंवले की पेड़ की थोड़ी सी छाल लाकर तिजोरी में रखी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उस व्यक्ति के घर के भंडारे हमेशा भरे रहते हैं।
क्यों मनाया जाता है यह पर्व
एक कथा है कि एक बार देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण कर रही थीं। उनकी इच्छा हुई कि कैसे भगवान विष्णु और शिव की एक साथ पूजा की जाए। तभी उन्हें ध्यान आया कि विष्णु को तुलसी प्रिय है और शिव को बेल। इन दोनों के गुण एक साथ आंवले में हैं। लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक मानकर उसकी पूजा की। उनकी पूजा से प्रसन्न होकर विष्णु और शिव प्रकट हुए। माता लक्ष्मी ने आंवले के पेड़ के नीचे उन्हें भोजन कराया और उसके बाद स्वयं भोजन को प्रसाद रूप में ग्रहण किया।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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