ऋषिकेश में भाई को बचाने की कोशिश में दो नाबालिग बहनें गंगा में बही, 24 घंटे में दूसरी घटना; रेस्क्यू जारी
- चौकी प्रभारी विनय शर्मा ने बताया कि इन बच्चों का पिता अनिल श्रमिक है। सोमवार को अनिल काम पर चला गया। मां भी किसी काम से बाहर चली गई। इसके बाद तीनों बच्चे गंगा नहाने चले गए थे। ऋषिकेश में 24 घंटे में बच्चों के डूबने की यह दूसरी घटना है।
ऋषिकेश में गंगा में बहते भाई को बचाने की कोशिश में दो बहनें बह गईं। भाई को बचाने में तो बहनें कामयाब हो गईं, लेकिन खुद तेज प्रवाह की चपेट में आकर बह गईं। पुलिस और एसडीआरएफ ने उनकी तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लग पाया।
पुलिस के मुताबिक, हरिपुरकलां स्थित गली नंबर तीन में भीमसेन आश्रम निवासी 13 वर्षीय वैष्णवी और 15 वर्षीय साक्षी अपने नौ वर्षीय भाई सूरज के साथ सोमवार सुबह 11 बजे गंगा घाट पहुंची थीं।
उनके साथ पड़ोस की एक महिला भी थी। गंगा में नहाने के दौरान सूरज बहने लगा। इस पर साक्षी-वैष्णवी ने भाई को बचाने के लिए गंगा में छलांग लगा दी। इस जद्दोजहद में दोनों बहनों ने भाई को तो किनारे तक पहुंचा दिया, पर खुद गंगा के तेज प्रवाह में बह गईं। घटना की सूचना मिलते ही हरिपुरकलां चौकी से पुलिस मौके पर पहुंची।
साक्षी-वैष्णवी की तलाश के लिए एसडीआरएफ को बुलाकर गंगा में अभियान चलाया गया। सुबह से शाम तक चले तलाशी अभियान के बाद भी दोनों बहनों का कुछ पता नहीं चल सका। अंधेरा होने पर अभियान रोक दिया गया। अब मंगलवार को फिर से दोनों बहनों की तलाश की जाएगी।
चौकी प्रभारी विनय शर्मा ने बताया कि इन बच्चों का पिता अनिल श्रमिक है। सोमवार को अनिल काम पर चला गया। मां भी किसी काम से बाहर चली गई। इसके बाद तीनों बच्चे गंगा नहाने चले गए थे। ऋषिकेश में 24 घंटे में बच्चों के डूबने की यह दूसरी घटना है।
गीता कुटीर गंगाघाट पर हुई घटना के बाद से सदमे में पूरा हरिपुरकलां क्षेत्र
ऋषिकेश के हरिपुरकलां के गीता कुटीर गंगाघाट पर सोमवार को हुई घटना से पूरा गांव ही सदमे में है। भाई को बचाने की फेर में दो बहनों के गंगा में लापता होने पर हर कोई उनकी सलामती की प्रार्थना कर रहा है।
चौकी प्रभारी विनय शर्मा के मुताबिक साक्षी और वैष्णवी का सूरज इकलौता भाई था। उधर, बेटियों के गंगा में बहने के बाद से पिता अनिल बदहवास है, तो मां की आंख से आंसू नहीं थम रहे हैं। हर रोज आंगन में भाई के साथ खेलती बेटियों की तस्वीर मां के जहन में है।
उन्हें आवाज देते हुए मां दहाड़े मारकर कभी गंगा, तो कभी घर की तरफ देखकर रो रही है। भाई सूरज भी महज नौ साल की उम्र में ही यह सब करीब से देखकर बहनों के लौटने का इंतजार कर रहा है। घटना के बाद उसकी निगाह गंगा पर थी। घर आने के बाद से वह दरवाजे की ओर टक टकी लगाए हुए है। आसपास का हर शख्स इस घटना के बाद से गमगीन है।
24 घंटे में दूसरी घटना
ऋषिकेश स्थित बीसबीघा निवासी 15 वर्षीय इशान बिजल्वाण और 16 वर्षीय दीपेश रावत की गंगा में डूबने की घटना के महज 24 घंटे बाद ही यह दूसरा मामला सामने आया है। इसमें दो बालिकाएं बही हैं, जिससे न सिर्फ हरिपुरकलां, बल्कि समूचे ऋषिकेश क्षेत्र में लोग सकते हैं। इसमें वह अभिभावकों की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चों की निगरानी जरूरी है। इससे ही उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है। खासकर नदियों के तटीय इलाकों पर रहने वालों लोगों को ज्यादा सजग रहने की आवश्यकता है।
दीपेश का नहीं लगा सुराग
कुनाऊ के पास गंगा में डूबे दीपेश रावत की तलाश को सोमवार सुबह से एसडीआरएफ ने गंगा में तलाशी अभियान चलाया। बावजूद देर शाम तक दीपेश का कुछ पता नहीं लगा। एसडीआरएफ निरीक्षक कविंद्र सजवाण ने बताया कि मंगलवार को फिर से गंगा में तलाश की जाएगी।
मृतकों के परिजनों से मिले मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दो दिन पूर्व चीला नहर में नहाने के दौरान डूबे युवकों के परिजनों से मुलाकात की। वह सोमवार को बीस बीघा बापू ग्राम निवासी 15 वर्षीय ईशान बिजल्वाण पुत्र सुनील दत्त और 15 वर्षीय दीपेश रावत के डूबने की सूचना पर उनके निवास पर पहुंचे। मंत्री प्रेमचंद ने दोनों परिजनों को ढांढस बंधाते हुए सांत्वना व्यक्त की। कहा कि 15 वर्षीय ईशान बिजल्वाण का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि दीपेश की अभी पहचान नहीं हो पाई है।
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