Workshop on Allergic Bronchopulmonary Aspergillosis and Chronic Pulmonary Aspergillosis at AIIMS Rishikesh विकारों के सही निदान के लिए चिकित्सकों में जागरूकता जरूरी: प्रो. मीनू सिंह, Rishikesh Hindi News - Hindustan
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विकारों के सही निदान के लिए चिकित्सकों में जागरूकता जरूरी: प्रो. मीनू सिंह

एम्स ऋषिकेश के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग ने एबीपीए और सीपीए विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि इन विकारों का अक्सर गलत निदान किया जाता है। चिकित्सकों में जागरूकता बढ़ाने से...

Newswrap हिन्दुस्तान, रिषिकेषSat, 3 May 2025 06:32 PM
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विकारों के सही निदान के लिए चिकित्सकों में जागरूकता जरूरी: प्रो. मीनू सिंह

एम्स ऋषिकेश के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के तत्वावधान में शनिवार को एलर्जिक ब्रोंकोपल्मोनरी एस्परगिलोसिस (एबीपीए) और क्रॉनिक पल्मोनरी एस्परगिलोसिस (सीपीए) विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें चिकित्सा विशेषज्ञों ने गहन चर्चा की। कार्यशाला में एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि एलर्जिक ब्रोंकोपल्मोनरी एस्परगिलोसिसि और क्रॉनिक पल्मोनरी एस्परगिलोसिस का अक्सर गलत निदान किया जाता है। चिकित्सकों में जागरूकता बढ़ाने से इन विकारों का निदान सही तरीके से हो सकता है। ऐसा करने से रुग्णता और मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. रितेश अग्रवाल ने एबीपीए का उपचार और निदान के संबंध में व्याख्यान दिया।

पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इंद्रपाल सिंह सहगल ने सीपीए का उपचार और निदान विषय पर जानकारी प्रस्तुत की। कहा कि यह एस्परगिलस एंटीजन के प्रति एलर्जिक प्रतिक्रिया है। अस्थमा या सिस्टिक फाइब्रोसिस वाले रोगियों में यह आम है। यह एक दीर्घकालिक संक्रमण है। यह उन रोगियों में देखा जाता है, जिन्हें पहले से ही फेफड़े की बीमारियां होती हैं, जैसे टीबी, सीओपीडी। सीटी स्कैन और रक्त परीक्षण जैसी इमेजिंग विधियों से निदान किया जा सकता है। एंटीफंगल दवाएं, सर्जरी या दोनों का संयोजन भी आवश्यक हो सकता है। खासतौर से उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से ही फेफड़े की बीमारी है, डॉक्टर द्वारा नियमित जांच और निगरानी आवश्यक है। मौके पर एम्स के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की प्रो. रुचि दुआ, संकायाध्यक्ष प्रो. शैलेन्द्र शंकर हांडू, पल्मोनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. गिरीश सिंधवानी, जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रविकांत, प्रो. मयंक मिश्रा, डॉ. प्रखर शर्मा, डॉ. लोकेश कुमार सैनी आदि उपस्थित रहे।

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