शराब ठेकेदारों ने प्रतिभूति के करोड़ों रुपये जमा नहीं किए, राजस्व में कमी पर होगी सख्ती
एक तरफ राज्य सरकार आर्थिक तंगी से जूझ रही है। सरकारी कर्मचारियों का हर महीने वेतन काटा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर जिला आबकारी विभाग शराब ठेकेदारों पर मेहरबान बना हुआ है। मासिक राजस्व समय पर जमा...
एक तरफ राज्य सरकार आर्थिक तंगी से जूझ रही है। सरकारी कर्मचारियों का हर महीने वेतन काटा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर जिला आबकारी विभाग शराब ठेकेदारों पर मेहरबान बना हुआ है।
मासिक राजस्व समय पर जमा होना तो दूर आबकारी विभाग अप्रैल और मई में जमा होने वाली प्रतिभूति राशि के करोड़ों रुपये शराब ठेकेदारों से जमा नहीं करा पाया है।
जिले में कोरोना संक्रमण की शुरुआत में कुछ दिन शराब ठेके बंद रहे। इसके बाद राजस्व में कमी को देखते हुए आवश्यक सेवाओं के साथ शराब ठेके भी खोल दिए गए।
आबकारी विभाग में नियम है कि ठेका आवंटन होने पर ठेकेदार को अप्रैल में पहली प्रतिभूति किश्त और मई महीने में प्रतिभूति की दूसरी किश्त जमा करना होती है।
यह राशि प्रत्येक ठेके के तय राजस्व के हिसाब से तय की जाती है। जिला आबकारी अधिकारी रमेश चंद्र बंगवाल ने बताया कि पहली प्रतिभूति राशि कुछ ठेकेदारों को शेष है। उन पर सख्ती की जा रही है। वहीं दूसरी प्रतिभूति राशि को लेकर भी सभी ठेकेदारों को नोटिस जारी किया जा चुका है।
26 अंग्रेजी और 14 शराब देशी ठेकों पर पहली किश्त बकाया
जिले में 54 विदेशी शराब ठेके चल रहे हैं। बीते सप्ताह तक इनसे मई की प्रतिभूति राशि के 18.07 करोड़ रुपये ही जमा हुए हैं। जबकि, 10.98 करोड़ रुपये शेष हैं। 54 ठेकेदारों में 28 ठेकेदार ही ऐसे हैं, जिन्होंने पहली प्रतिभूति राशि की किश्त पूरी जाम की है, 26 पर अभी पहली किश्त की रकम शेष है।
मई में जमा होने वाली दूसरी प्रतिभूति राशि की बात करें तो इसमें महज तीन ठेकेदारों ने 48.61 लाख रुपये जमा किए हैं। जबकि 28.63 करोड़ बकाया हैं। जिले में सहसपुर स्थित एक मात्र अंग्रेजी शराब का ठेका बंद है।
देशी शराब ठेकों की बात करें तो 41 ठेकों में महज 17 शराब ठेके उठ पाए हैं। जो उठें हैं, उसने भी आबकारी विभाग समय पर प्रतिभूति किश्त नहीं वसूल पा रहा है।
देशी शराब ठेकों से पहली प्रतिभूति के बीते सप्ताह तक 97.47 लाख रुपये जमा हुए हैं। तीन ठेकेदारों ने ही पहली किश्त जमा की है। जबकि, दूसरी किश्त जमा करने का ठेकेदार नाम नहीं ले रहे हैं।
बैंक में नहीं बन रही गारंटी
ठेकेदार प्रतिभूति राशि की दूसरी किश्त के रूप में बैंक गारंटी जमा करते हैं। हाल में बैंकों में फील्ड निरीक्षण बंद है। ऐसे में कई ठेकेदार बैंक गारंटी नहीं बनने के चलते वह भी परेशान हैं।
हाल में खनन विभाग की राजस्व को लेकर समीक्षा की जा चुकी है। आबकारी विभाग की राजस्व को लेकर जल्द ठेकावार समीक्षा की जाएगी। राजस्व में कमी पर सख्ती की जाएगी।
डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव, जिलाधिकारी
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