जैनोली के प्राचीन चैतव कौतिक में झोड़ा गायन की धूम
जैनोली सैमधार के प्राचीन चैतव कौतिक में सोमवार को झोड़ा गायन का उत्सव मनाया गया। ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों की थाप पर पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक कलाकारों ने छोलिया नृत्य से दर्शकों का मन...
जैनोली सैमधार का प्राचीन चैतव कौतिक में सोमवार को पारंपरिक झोड़ा गायन की धूम मची रही। ढोल नगाड़ों की थाप पर चौगांव, धूराफाट, कंडारखुआ पट्टी के अंतर्गत दर्जनों गांवों के ग्रामीणों ने मेले में शिरकत कर प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया। सैमदेवता की धूणी पर एकत्रित ग्रामीणों ने टोली बनाकर बारी बारी से मंदिर परिसर में झोड़ा गायन शुरू किया। पिलखोली, बिलाव, टाना, तस्वाड़, सरोली, पन्याली, उपराड़ी सहित तमाम क्षेत्रों से पहुंचे ग्रामीण मेले का गवाह बने। यहां सांस्कृतिक कलाकारों ने छोलिया नृत्य की प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। आयोजन समिति के अध्यक्ष कृपाल राम आर्या, संयोजक मदन नेगी, उपाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, निवर्तमान जिपं सदस्य सुरेंद्र फर्त्याल, निवर्तमान बीडीसी त्रिभुवन सिंह फर्त्याल, प्रधान जैनोली उषा मेहरा, दीपक बिष्ट, प्रदीप कुमार, एसआई बलवीर भंडारी, आदि रहे। मेला समिति के अध्यक्ष कृपाल राम ने बताया कि मेले को इस बार प्रशासन सहित तमाम विभागों का सहयोग मिला। यह मेला अत्यधिक प्राचीन है। प्राचीन संस्कृति के संरक्षण के लिए सभी लोगों से सहयोग लिया जा रहा है। मेले को लेकर बच्चों में खासा उत्साह देखा गया।
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