पति-पत्नी की तनातनी में 11 माह की मासूम की गई जान, मां ने बेटे के साथ गटका जहर
- पति-पत्नी के बीच होने वाली तनातनी ने घर के चिराग को उन्ही से छीन लिया। 11 माह के बेटे की हल्की सी भी रोने की आवाज सुनकर दौड़े चले आने वाले मां-बाप आज उसी की ही मौत का कारण बने। पत्नी बेटे को खोकर बेसुध है तो पति बार-बार पत्नी को कोस रहा है।
अल्मोड़ा के स्याल्दे विकासखंड के देघाट में मंगलवार सुबह बीच बाजार एक महिला ने खुद विषाक्त गटकने के बाद अपने 11 माह के बच्चे को भी पिला दिया। हालत बिगड़ने पर आसपास के लोगों ने दोनों को पीएचसी में भर्ती कराया।
जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया, जबकि महिला को बचा लिया गया। पुलिस और प्रशासन की ओर से प्राथमिक पूछताछ के बाद महिला को हायर सेंटर रानीखेत रेफर किया गया है। घटना की वजह पति-पत्नी के बीच मनमुटाव बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, देघाट थाना अंतर्गत खलडुवा निवासी महेंद्र राम का विवाह तीन साल पूर्व 26 वर्षीय दिव्या के साथ हुआ था। इनके घर में 11 माह पहले बेटे निखिल का जन्म हुआ।इन तीनों के अलावा घर में महेंद्र की दादी रहती हैं।
परिजनों के मुताबिक मंगलवार सुबह निखिल का स्वास्थ्य खराब होने पर महेंद्र और दिव्या उसे वैद्य के पास ले गए थे। लौटने के बाद महेंद्र बकरी चराने चला गया, जबकि दिव्या बच्चे को लेकर बाजार आ गई।
दिव्या ने बाजार से विषाक्त खरीदा और गटक लिया। इस दौरान दिव्या ने विषाक्त बच्चे को भी दे दिया। कुछ ही देर में दोनों की हालत बिगड़ गई। बाजार में लोगों ने डायल 112 पर पुलिस को सूचना देकर दोनों को पीएचसी देघाट में भर्ती कराया।
शिशु के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। महिला को उपचार के लिए रानीखेत रेफर किया है। मामले की जांच की जा रही है।
हरविंदर कुमार, प्रभारी थानाध्यक्ष देघाट
पति-पत्नी की तनातनी में मासूम की जान गई
पति-पत्नी के बीच होने वाली तनातनी ने घर के चिराग को उन्ही से छीन लिया। 11 माह के बेटे की हल्की सी भी रोने की आवाज सुनकर दौड़े चले आने वाले मां-बाप आज उसी की ही मौत का कारण बने। पत्नी बेटे को खोकर बेसुध है तो पति बार-बार पत्नी को कोस रहा है।
देघाट के खलडुवा निवासी 32 साल के महेंद्र राम की शादी तीन साल पहले हुई थी। वर्तमान में उसके घर में बूढ़ी दादी रधुली देवी के अलावा पत्नी दिव्या और 11 माह का बेटा निखिल रहता था। आसपास के लोगों के मुताबिक महेंद्र मेहनत मजदूरी कर परिवार का लालन-पोषण करता था।
महेंद्र का ज्यादातर समय मवेशियों की देखरेख में ही बीतता था। मजदूरी और मवेशी ही उसकी आजीविका के साधन थे। वहीं पति का आरोप है कि पत्नी उस पर बेवजह शक किया करती थी।
दिव्या के लिए प्राथमिक बयान
तहसीदार दीवान गिरी, पटवारी गिरीश कुमार, एसआई हरविंदर सिंह के समक्ष दिव्या के प्राथमिक बयान लिए गए। टूटी फूटी बोली में दिव्या ने कहा कि उसने जो भी किया अपनी मर्जी से किया। इससे आगे वह कुछ न बोल सकी।
देहरादून में रहते हैं महेंद्र के पिता
ग्रामीणों के मुताबिक महेंद्र की मां का बचपन में ही निधन हो गया था। इसके बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली। वर्तमान में वह देहरादून में हैं। महेंद्र की परवरिस उसकी दादी रधुली देवी ने की। घर परिवार की जिम्मेदारियों के कारण महेंद्र काम के लिए बाहर नहीं निकल पाया। गांव में ही रहकर मजदूरी कर परिवार को चलाने में जुटा रहा।
रानीखेत में मासूम बेटे का पोस्टमार्टम, मां का उपचार
देघाट पीएचसी में निखिल की मौत की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने पंचनामे की कार्रवाई की। इसके बाद निखिल का शव पोस्टमार्टम के लिए और दिव्या को उपचार के लिए रानीखेत भेज दिया गया। निखिल का पोस्टमार्टम कर लिया गया है, जबकि दिव्या की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
अस्पताल पहुंचकर घटना की जानकारी ली गई है। प्राथमिक बयान में महिला ने बिना किसी दबाव के विषाक्त खाने की बात कही है। महिला को हायर सेंटर रेफर किया गया है। हालत खतरे से बाहर है।
दीवान गिरी गोस्वामी, तहसीलदार स्याल्दे।
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