Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़when family members insisted on demands after custody death police showed attitude said keep the deadbody

'जितने दिन रखना है, रख ले डेडबॉडी', हिरासत में मामले में परिजन अड़े तो पुलिस ने दिखाए तेवर

  • ना तो मझगई थाना सस्पेंड हो, ना निघासन, ना तुझे 30 लाख रुपए दें। तेरे पे जितने दिन रखना है, रख ले डेडबॉडी को। इतना कहकर अधिकारी और उनके साथ के पुलिसकर्मी वहां से उठकर चले गए। दो घंटे चली बातचीत के दौरान कई बार उतार चढ़ाव आए। ग्रामीणों और परिजनों ने पुलिस पर ज्‍यादती करने के आरोप लगाए।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, हिन्‍दुस्‍तान, लखीमपुर खीरीWed, 8 Jan 2025 10:51 AM
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'जितने दिन रखना है, रख ले डेडबॉडी', हिरासत में मामले में परिजन अड़े तो पुलिस ने दिखाए तेवर

यूपी के लखीमपुर खीरी में पुलिस हिरासत में गैंगस्टर के आरोपी की मौत के मामले में मंगलवार की दोपहर पोस्टमार्टम हाउस से गांव तक हंगामा हुआ। काफी देर तक जद्दोजहद और अफसरों के समझाने के बावजूद शव के अंतिम संस्कार के लिए परिवारवालों के राजी नहीं होने पर पुलिस ने भी कड़े तेवर दिखाए। रात में दो घंटे चली बातचीत के दौरान कई बार उतार चढ़ाव आए। काफी देर चली धींगामुश्ती के बाद आखिरकार परिवार वाले पुलिस अफसरों के साथ बातचीत को तैयार हुए। सीओ धौरहरा पीपी सिंह, सीओ निघासन महक शर्मा और सीओ गोला प्रवीण गौतम से रामचंद्र के ताऊ पूर्व प्रधान हजारी प्रसाद, छोटे भाई दिनेश कुमार और पत्नी पूनम ने बातचीत शुरू की। इन लोगों ने पुलिस अफसरों के सामने तीस लाख रुपये मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, मझगईं और निघासन थाने के सारे पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने तथा परिवार के लोगों पर दर्ज मुकदमे खत्म करने की मांगें रखीं। इस बातचीत के दौरान सीओ पीपी सिंह नाराज हो गए। उन्‍होंने यहां तक कह दिया-'ना तो मझगई थाना सस्पेंड हो, ना निघासन, ना तुझे 30 लाख रुपए दें। तेरे पे जितने दिन रखना है, रख ले डेडबॉडी को। हम यहां से जा रहे हैं।' इतना कहकर अधिकारी और उनके साथ के पुलिसकर्मी वहां से उठकर चले गए।

पुलिस और हिरासत में मरे शख्‍स के परिवारवालों के बीच बातचीत का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हाे रहा है। हालांकि 'लाइव हिन्‍दुस्‍तान' इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। इसके पहले ग्रामीणों और परिजनों ने पुलिस पर पीटने, शव को अस्पताल में लावारिस छोड़ जाने और फिर परिजनों से लाश छीनकर ले जाने का आरोप लगाया। पुलिस ने रामचन्द्र के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से कराया। एसपी गणेश प्रसाद साहा ने बताया कि पोस्टमार्टम में युवक की मौत का कारण साफ नहीं हो पाया है। डॉक्टरों ने बिसरा सुरक्षित किया है। जिसे जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार रामचंद्र के शरीर पर चोटों के निशान नहीं पाए गए हैं। उधर पुलिस की पिटाई की मौत से युवक के मरने का आरोप लगा रहे ग्रामीणों ने मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर लौट रही गाड़ी को रोकने के लिए बम्हनपुर चौराहे पर इकह्वा होकर जाम लगाने की कोशिश की। इसकी जानकारी होने पर पुलिस ने उनको हुलासीपुरवा गांव से बम्हनपुर के बीच में ही गाड़ियां खड़ी कर दी। इसके बाद पैदल चौराहे पहुंचे ग्रामीणों को पुलिस ने लाठियां भांजकर खदेड़ दिया। शव किसी तरह गांव लाया गया। हुलासीपुरवा गांव पहुंची शव गाड़ी को ग्रामीणों ने घेर लिया। सूचना पर विधायक शशांक वर्मा भी पहुंचे।

मझगईं थाने के हुलासीपुरवा गांव निवासी दिनेश कुमार ने सोमवार को अपने 40 वर्षीय भाई रामचंद्र को लालबोझी जंगल से तब पकड़ ले जाने का आरोप लगाया, जब वह वहां अपने साथियों के साथ जलौनी लकड़ियां बीनने गया था। दिनेश का आरोप था कि मझगईं थाने और निघासन कोतवाली के पुलिसकर्मी रामचंद्र और उसके एक साथी को पकड़कर मझगईं थाने ले गए। वहां उसको बुरी तरह पीटा। उसकी हालत ज्यादा खराब होने पर उसे अपनी गाड़ी पर लादकर निघासन सीएचसी लाए। यहां उसको मृत पाया गया। पुलिसवाले यहां से चले गए। रात करीब साढ़े नौ बजे तक निघासन सीएचसी पर चले रामचंद्र के परिवार के पुरुषों और महिलाओं के हंगामे के बाद पुलिस ने जबरन शव को छीनकर पोस्टमार्टम के लिए लखीमपुर भेजा। पुलिस के मुताबिक रामचंद्र अवैध शराब बनाने का काम करता था। उसके खिलाफ कुछ दिन पहले ही गैंगस्टर एक्ट भी लगाया जा चुका है। मंगलवार को शव के पोस्टमार्टम के बाद शव को वापस हुलासीपुरवा गांव ले जा रहे पुलिसवालों ने निघासन चौराहे जाने की बजाय अंदर के रास्ते पर होकर पलिया रोड तक पहुंचने का रास्ता चुना। इसके बाद ये लोग बम्हनपुर पहुंचे। वहां ग्रामीणों का हुजूम इकट्ठा हो चुका था।

पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे नेता

मंगलवार की सुबह पोस्टमार्टम हाउस पर भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह, समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष अनुराग पटेल और बसपा जिला अध्यक्ष मनमोहन मौर्य पहुंचे। नेताओं ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उनको हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया है। नेताओं ने कहा कि वहां उनकी लड़ाई में उनके साथ हैं। अगर कहीं जरूरत पड़ती है तो उनकी लड़ाई सड़कों पर उतरकर लड़ी जाएगी। नेताओं ने भी पूरे मामले में पुलिस पर कार्रवाई और पीड़ित परिवार को मुआवजा दिए जाने की मांग की है।

महिलाओं ने किया हंगामा, मांगा इंसाफ

मंगलवार की सुबह मृतक के परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और यहां भी जमकर हंगामा काटा। आरोप है कि पुलिस बिना पंचनामा भरे ही शव को उठा लाई और मनमाने तरीके से शव का पंचनामा भरा। बाद में पुलिस ने किसी तरह उनको शान्त कराया। डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया। एसपी गणेश प्रसाद साहा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी उसकी मौत का कारण साफ नहीं हो पाया है। रामचंद्र के शरीर पर चोट के निशान भी नहीं पाए गए हैं। डॉक्टरों ने बिसरा सुरक्षित किया है, जिसे जांच के लिए लैब भेजा जाएगा।

एसपी ने हर संभव मदद का दिया भरोसा

एसपी गणेश प्रसाद साहा मंगलवार की सुबह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। उन्होंने मृतक के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। एसपी ने परिजनों से कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। अगर कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। एहतियात के तौर पर सीओ सिटी की अगुवाई में खीरी, कोतवाली सदर, शारदा नगर थाने की फोर्स लगाई गई थी।

बम्हनपुर चौराहा जाम करने पहुंचे ग्रामीण

मंगलवार को मृतक रामचंद्र के पुलिस वाले नहीं थे। सुबह एसडीएम और सीओ सहित कुछ पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में विधायक शशांक वर्मा परिवार वालों को सांत्वना देने पहुंचे थे। ग्रामीणों को जब लखीमपुर से शव लेकर गाड़ी के रवाना होने की सूचना मिली तो वे बम्हनपुर चौराहे पर जाम लगाकर प्रदर्शन करने की नीयत से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और बाइकों आदि पर सवार होकर बम्हनपुर चल दिए। बम्हनपुर में मौजूद भीरा इंस्पेक्टर पुष्पराज कुशवाहा और मझगईं एसओ दयाशंकर द्विवेदी गाड़ियों से बम्हनपुर से दौलतापुर जाने वाली रोड पर पहुंच गए और रोड पर गाड़ियां खड़ी करके रास्ता ब्लाक कर दिया।

लाठियों से पीटकर लोगों को खदेड़ा

ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और बाइकों को छोड़कर पैदल बम्हनपुर चौराहे पहुंचे ग्रामीणों ने चौराहा शवगाड़ी पहुंचने के पहले चौराहे पर ईंटे आदि रखने की कोशिश की। बम्हनपुर चौराहे पर बवाल का अंदेशा अफसरों को पहले ही था, इसी वजह से वहां भारी पुलिस अमला पहले से तैनात कर दिया गया था। इनमें सिंगाही, निघासन, धौरहरा, तिकुनियां, पलिया, नीमगांव आदि कई थानों के अफसर और पुलिसवाले तथा निघासन सीओ महक शर्मा के अलावा पलिया, धौरहरा और गोला के सीओ भी मौजूद थे। पुलिस ने जाम लगाने की कोशिश कर रहे ग्रामीणों को पहले लाठियां पटककर भगाने की कोशिश की लेकिन इसके बाद उन पर लाठियां भांजते हुए वहां से खदेड़ दिया। आरोप है कि पुलिस ने महिलाओं तक को पीटा और आसपास दुकानों में मौजूद ग्राहकों तक को भगा दिया। बम्हनपुर चौराहे पर ग्रामीणों को भगा रहे पुलिसकर्मियों और मझगईं एसओ से यहां के भाजपा नेता रविकांत सोनी की कहासुनी हो गई। रविकांत का आरोप है कि इस दौरान एसओ ने उनके साथ अभद्रता करते हुए धमकी दी।

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