जार व बोत्तल का पानी पीकर प्यास बुझा रहे अफसर व कर्मी
भभुआ के प्रखंड कार्यालय परिसर में तीन चापाकल बंद हैं, जिससे लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी और कर्मचारी भी पानी खरीदने को मजबूर हैं। पीएचईडी ने मरम्मत के लिए पत्र लिखा है,...

तीन चापाकल हैं बंद, तीन-फुट नीचे चौथे चापाकल के पास नहीं जाते पानी लेने दफ्तरों में फरियाद लेकर आए लोगों को प्यास बुझाने के लिए जाना पड़ता है दुकान पर (बोले भभुआ) चांद, एक संवाददाता। प्रखंड कार्यालय में अपने काम से आए लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। यह समस्या सिर्फ आमजनों को ही नहीं, अधिकारियों व कर्मियों को भी परेशान कर रही है। इस परिसर में प्रखंड व अंचल कार्यालय के अलावा, मनरेगा, शिक्षा, आपूर्ति, आईसीडीएस, आरटीपीएस, चकबंदी आदि के दफ्तर हैं। इन दफ्तरों के अधिकारियों व कर्मियों को जार व बंद बोतल का पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। आरटीपीएस काउंटर, बीआरसी भवन, अंचल कार्यालय, हाट-बाजार भवन के पास चापाकल गाड़े गए हैं। आरटीपीएस काउंटर व अंचल कार्यालय के पास का चापाकल मरम्मत करने के अभाव में बंद पड़ा है। जबकि पीएचईडी की टीम बंद चापाकलों की मरम्मत करने के लिए निकली हुई है। लेकिन, प्रखंड मुख्यालय के ही खराब चापाकलों की मरम्मत नहीं कर सकी है, जिससे आम से खास तक परेशान हैं। हालांकि हाट-बाजार भवन के पास का चापाकल चालू हालत में है। लेकिन, वह तीन से चार फुट गड्ढे में है। इस कारण वहां पानी की जरूरत पूरी करने के लिए लोग नहीं पहुंच पाते हैं। कर्मियों ने बताया कि बीआरसी भवन में समरसेबुल लगा है। इससे शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मी को पानी मिलता है। लेकिन, यहां का भी चापाकल बंद है। दबी जुबान से अफसरों ने कहा कि वह लोग जार व बोतल का पानी खरीदकर पी रहे हैं। चकबंदी कार्यालय के कर्मियों ने कहा कि घर से बोतल में पानी लेकर आते हैं। लेकिन, कुछ देर बाद वह गर्म हो जाता है। पानी खत्म होने पर बाहर से भरकर लाना पड़ता है। चापाकलों की मरम्मत कराने के लिए पीएचईडी को लिखा सीओ सह प्रभारी बीडीओ सतीश कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रखंड कार्यालय परिसर के बंद पड़े तीनों चापाकलों की मरम्मत करने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को पत्र लिखा जा रहा है। प्रखंड कार्यालय परिसर में मिले पाढ़ी पंचायत के बीडीसी सतीश सिंह ने बताया कि यहां की स्थित अधौरा जैसी हो गई है। रोज पोखरा खुदाई कर पानी पीने वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। इस समस्या के समाधान के प्रति किसी अधिकारी का ध्यान नहीं है। पीएचईडी की टीम भी चापाकलों की मरम्मत को लेकर उदासीन दिख रही है। प्रखंड कार्यालय में मिले सिंगासन प्रसाद ने बताया कि प्यास लगने पर जब किसी चाय-नाश्ता की दुकान पर पीने के लिए पानी मांगते हैं तो दुकानदार कहते हैं कि यहां से कुछ खरीदीएगा तब पीने के लिए पानी देंगे। वह भी दूर से पानी ला रहे हैं। अगर जेब में पैसा नहीं रहे तो प्यास बुझाना मुश्किल होगा। फोटो- 28 अप्रैल भभुआ- 11 कैप्शन- चांद प्रखंड कार्यालय परिसर में लोक सूचना केंद्र के पास का सोमवार को बंद दिखता चापाकल।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।