दूसरे भतीजे ईशान आनंद को बसपा में एंट्री दिलाकर क्या संकेत देना चाहती हैं मायावती?जानें
- बसपा की मजबूती के लिए मायावती नए समीकरण बैठाने में जुट गई हैं। मायावती ने भतीजे ईशान आनंद की राजनीतिक पारी की शुरुआत करवा कर संकेत देने की कोशिश कर रही हैं। आईए जानते है कि क्या कोशिश है?
उत्तर प्रदेश में खिसकते जनाधार को बचाए रखने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती नए समीकरण बैठाने में जुट गई हैं। मायावती ने भतीजे ईशान आनंद की राजनीतिक पारी की शुरुआत करवा कर यह संकेत देने की कोशिश की है कि बसपा बूढ़ी नहीं हो रही है, बल्कि उसके पास भी नेतृत्व करने वाले नए युवा नेताओं की ऊर्जा है। ईशान को लांच करने को जहां मायावती की दलित समाज के युवाओं को जोड़ने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। वहीं राजनीति के जानकार इसे आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद की दलित युवाओं में बढ़ती पकड़ को थामने की कोशिश भी करार दे रहे हैं। बड़ा सवाल है कि क्या ईशान और आकाश आनंद बसपा के अस्त हो रहे सूरज को फिर से नया प्रकाश दे सकेंगे।
दलित युवाओं को साधने की कोशिश
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चंद्रशेखर आजाद दलित समाज के युवाओं में धीरे-धीरे काफी लोकप्रिय होते जा रहे हैं। प्रदेश में दलित युवाओं पर होने वाले किसी भी अत्याचार पर वह स्वयं मौके पर पहुंचते या फिर उनकी आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता पहुंच जाते हैं। लखनऊ में बीते बुधवार को उनकी पार्टी के युवाओं की निकली रैली की काफी चर्चा रही। चंद्रशेखर आजाद लोगों के बीच उतर कर मेहनत कर रहे हैं। बसपा से जुड़े लोग भी यही चाहते हैं कि लोगों के बीच पहुंच बनाई जाए। आकाश आनंद के बाद ईशान आनंद की राजनीतिक पारी शुरू कराने को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
कांशीराम ने मायावती को बनाई ताकत
बसपा संस्थापक कांशीराम उत्तर प्रदेश आए तो अपने साथ मायावती को भी लेकर आए। उस समय मायावती युवा थीं और सड़क पर उतर कर संघर्ष करने की ताकत रखती थीं। दलितों और वंचितों के शोषण के खिलाफ मायावती ने आवाज उठाई और उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ दलितों को जोड़ा। मायावती अब उस उम्र में पहुंच चुकी हैं कि लोगों के बीच पहुंच कर संघर्ष शायद नहीं कर सकती हैं। इसीलिए आकाश के बाद दूसरे भतीजे ईशान आनंद को लाकर यह भी संकेत देना चाहती हैं कि दलितों की हक की लड़ाई के लिए उसके पास दो युवा नेता हैं।
आकाश का मार्च से शुरू हो सकता है कार्यक्रम
पार्टी सूत्रों का कहना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद आकाश आनंद का मार्च से जिलों में कार्यक्रम लगाया जाएगा। उनके साथ ईशान आनंद को भी भेजे जाने की संभावना जताई जा रही है। जिले-जिले कार्यक्रम लगाकर लोगों के बीच आकाश को भेजकर युवाओं के साथ समाज के लोगों को पार्टी से बांधे रखने का अभियान शुरू किया जाएगा। जल्द ही आकाश के साथ ईशान भी इस अभियान से जुड़ें और सड़कों पर उतर कर दलितों के संघर्ष की नई कवायद दिखाई दे तो हैरत नहीं।