UP Weather: सावन से भादो दुब्बर नाही, यूपी में लखनऊ से बनारस तक झमाझम बारिश, कैसा रहेगा अगले तीन दिन का हाल?
- वाराणसी में पिछले तीन दिनों से बारिश हो रही है। शुक्रवार को लखनऊ में भी बनारस के साथ ही झमाझमा बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार वाराणसी में गुरुवार को कुल 46.2 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई थी।
यूपी-बिहार में एक लोकोक्ति है कि ‘सावन से भादों दुब्बर नाहीं’ यानी सावन से किसी भी मायने में भादों कम नहीं होता है। यह बात इस समय यूपी में चरितार्थ भी होती दिख रही है। लगभग पूरे यूपी में झमाझम बारिश हो रही है। सुबह भले ही धूप निकल रही लेकिन दोपहर बाद काले बादलों का डेरा छा रहा और अंधेरा होने के साथ ही बारिश शुरू हो जा रही है। इसके बाद गरज-चमक के साथ घंटों मूसलधार बारिश हो रही है। वाराणसी में पिछले तीन दिनों से ऐसा ही मौसम है। शुक्रवार को लखनऊ में भी बनारस के साथ ही झमाझमा बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार वाराणसी में गुरुवार को कुल 46.2 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक भारी बारिश हो सकती है।
लखनऊ में तेज बारिश से सड़कें डूबीं
लखनऊ में शुक्रवार की शाम तेज बारिश से ज्यादातर सड़कें पानी में डूब गईं। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में मानसून मेहरबान है। शुक्रवार को शाम चार बजे के करीब अचानक आसमान में काले बादल उमड़ आए। इसके बाद तेज हवाओं के साथ बिजली कड़कने लगी और बारिश शुरू हो गई। मौसम विभाग के अनुसार बारिश की वजह मानसून की ट्रफ लाइन का अपनी मूल स्थिति में पहुंचना है। यह इस वक्त यूपी के ऊपर से गुजर रही है। मानसूनी ट्रफ लाइन समुद्र से आ रही नम हवाएं हैं जो बारिश की वजह बनती हैं।
इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक हवा का दबाव बना हुआ है। यह आगे उत्तर प्रदेश तक आ रहा है। यह दबाव नम हवाओं को तेजी से खींचता है और जोरदार बारिश की वजह बनता है। मौसम विभाग के निदेशक आरएम रानाल्कर के अनुसार बीते दो दिनों से इसकी वजह से ही रुक रुक कर बारिश हो रही है। अभी मौसम वर्षा के लिए पूरी तरह से अनुकूल है। ऐसे में पूर्वी उत्तर प्रदेश, तराई और सूबे के दक्षिणी कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होगी।
बारिश के साथ दुश्वारी, जगह-जगह जलभराव
बारिश के बाद शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया। गुरुधाम, रवींद्रपुरी, अस्सी, नई सड़क, सोनिया, औरंगाबाद, गोदौलिया, रामापुरा, शिवपुर, लहरतारा, चांदपुर, महेशपुर, सुसुवाही, छित्तनपुरा, अंधरापुल, कज्जाकपुरा, मैदागिन, पीलीकोठी, हनुमानफाटक, सरैयां, जलालीपुरा, छोहरा में एक से तीन घंटे तक जलभराव हुआ। रामनगर में टेंगरा मोड़ पर घुटनों से ऊपर पानी भरा रहा। जिसके कारण लोगों को पुल से डाफी होकर आना पड़ा। भदऊं और सरैया डॉट पुल के नीचे पानी भरने से वाहनों की आवाजाही मुश्किल हो गई। जलभराव से दो पहिया वाहनों में पानी चले जाने से लोगों को दिक्कतें हुईं। उन्हें वाहनों को धक्का देकर मेकैनिकों के पास ले जाना पड़ा। रामकटोरा, तेलियाबाग, नदेसर, सिकरौल आदि इलाकों में मेकैनिकों के यहां लोगों को लंबा इंतजार भी करना पड़ा।
किसानों को चेहरे भी खिले
धान की रोपाई के बाद अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे किसान के चेहरे दोपहर में हुई भारी बारिश से खिल गए। सबसे अधिक फायदा ऊपरी इलाके में रोपे गए धान को होगा। उधर, सब्जियों की खेती के लिए भी बारिश फायदेमंद है। खेतों में पर्याप्त नमी होने से हरी सब्जियों का उत्पादन बढ़ जाएगा। हालांकि मूंग औ ऊर्द की तोड़ाई प्रभावित होगी। तेज बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में लोग खेतों में जा पहुंचे। मेड़बंदी कर बारिश का पानी खेत में ही रोकने की जुगत में लगे रहे ताकि धान की फसल को इसका भरपूर लाभ मिल सके। ग्रामीणों के अनुसार इस वक्त इस बारिश की काफी जरूरत महसूस की जा रही थी।
सावधानी वज्रपात के दौरान इन बातों का जरूर रखें ध्यान
अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व और आपदा प्रभारी वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि वज्रपात के दौरान पेड़ के नीचे खड़ा होना जोखिम भरा है। मोबाइल टावर और ऊंचे मकान के नीचे भी शरण न लें। बच्चों को बाहर न खेलने दें। लोहे की खिड़की, दरवाजे और हैंडपंप को न छुएं। धातु से बने छाते का प्रयोग न करें। लैंडलाइन और बिजली के उपकरणों का उपयोग न करें। खुल वाहनों में सवारी न करें। बचाव के लिए जमीन पर न लेटें तथा तैराकी या नौकायन न करें। मौसम खराब हो तो किसी पक्के घर में शरण लें। सुरक्षित स्थान न होने पर दोनों कानों को बंद कर पैरों को सटा लें तथा घुटनों की टेक लेकर उकड़ू बैठ जाएं। हाईटेंशन तारों, पोखरों, बिजली के खंभों तथा कटीले तारों से दूर रहें।