राम मंदिर में कार्यरत कर्मियों का वेतन बढ़ा, मूर्तिकारों को 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ मिलेंगे 75 लाख
अयोध्या राम मंदिर के लिए रामलला के श्रीविग्रह बनाने वाले मूर्तिकारों को 75-75 लाख पारिश्रमिक दिया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के खाते में 26 सौ करोड़ की राशि सावधि जमा है। तीर्थ क्षेत्र ने राम मंदिर में कार्यरत तीन सौ कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत वृद्धि भी की।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की हुई एक दिवसीय बैठक में रामलला के श्रीविग्रह का निर्माण करने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज समेत तीनों मूर्तिकारों को 75-75 लाख पारिश्रमिक के तौर पर दिए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा इन मूर्तिकारों को 18 प्रतिशत जीएसटी का भी भुगतान किया जाएगा।
यह जानकारी तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने देते हुए बताया कि मूर्तिकार योगीराज के अलावा डा. गणेश भट्ट व एसएन पाण्डेय ने भी पर्याप्त परिश्रम किया था। उन्होंने कहा कि इन तीनों में किसी ने अपनी ओर से निर्धारित पारिश्रमिक की मांग की थी लेकिन ट्रस्ट ने तय किया कि इन तीनों को ही सर्वाधिक पारिश्रमिक के रूप में 75-75 लाख दे दिया जाए। उन्होंने यह भी बताया बोर्ड ने सभी कर्मचारियों के वेतन में दस प्रतिशत वृद्धि का भी निर्णय लिया है। बताया गया कि लॉकर और चरण पादुका रक्षण समेत अन्य कार्यों में तीन सौ कर्मचारी कार्यरत हैं। वहीं दो सुरक्षा एजेंसियों को अलावा अन्य कार्यों के लिए आउट सोर्सिंग के जरिए करीब एक हजार कर्मचारी शामिल हैं।
बताया गया कि बोर्ड की स्वीकृति से कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस व लीव इनकैशमेंट की सुविधा देने का भी निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों को ईपीएफ-जीपीएफ व ईएसआई की सुविधा पहले से ही दी जा रही है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि तीर्थ क्षेत्र के खातों में 26 सौ करोड़ की धनराशि सावधि जमा है। इसी धनराशि का ब्याज204करोड़है।
राममंदिर निर्माण की धीमी गति पर ट्रस्ट चिंतित
राम मंदिर निर्माण की प्रगति धीमी होने से श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र बेहद चिंतित है। तीर्थ क्षेत्र के निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने कहा है कि हमें दिसंबर तक मंदिर निर्माण कार्य पूरा करना है। ऐसे में श्रमिकों के अभाव में मंदिर निर्माण की अपेक्षित गति न मिल पाने से हम लक्ष्य से दूर होते जा रहे हैं। तीर्थ क्षेत्र के पदेन सदस्य व भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने बहुत साफ लफ्जों में कहा कि दिसम्बर 2024 तक राम मंदिर निर्माण पूरा करने के लिए श्रमिकों की संख्या कम है और बचे चार-पांच महीने में द्वितीय तल व शिखर का निर्माण पूरा करना संभव नहीं लगता है।
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